कहीं पत्नी, कहीं पति संभालेंगे पंचायत की सरकार
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार कई फेरबदल हुए हैं। आरक्षण को लेकर इस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे।
कहीं पत्नी, कहीं पति संभालेंगे पंचायत की सरकार
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार कई फेरबदल हुए हैं। आरक्षण को लेकर इस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। कहीं पति की विरासत अब पत्नी के हाथों में आ गई है, तो कहीं पत्नी की जगह पति को पंचायत की सत्ता पर काबिज होने का मौका मिला है।
अब तक आए चुनाव परिणाम के बाद सदर प्रखंड की तेलोडीह, करहरबारी, अगदोनी कला, अगदोनी खुर्द आदि पंचायतों में ऐसा फेरबदल हुआ है। तेलोडीह पंचायत में पहले रिजवाना खातून मुखिया थीं। इस बार उनके पति मो. शब्बीर आलम ने मुखिया पद पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अगदोनी कला पंचायत से निर्वतमान मुखिया सुनीता देवी के पति मनोज पासी ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अगदोनी खुर्द पंचायत से मेघलाल दास ने मुखिया पद पर कब्जा जमाया है। इसके पूर्व वहां से उनकी पत्नी लछवा देवी मुखिया थीं। ये तीनों पंचायत पूर्व के चुनाव में महिला के लिए आरक्षित थी। इस बार इन तीनों को सामान्य सीट कर दिया गया था। इस कारण तीनों निवर्तमान मुखिया के पति चुनाव मैदान में उतरे थे। इसी तरह करहरबारी पंचायत के निवर्तमान मुखिया मुमताज अंसारी की पत्नी सहारा खातून पंचायत की सत्ता पर काबिज हुई हैं। पति के स्थान पर वह चुनाव लड़ीं और विजयी हुईं।
कोई पत्नी तो कोई पति के कार्य को बढ़ाएंगे आगे : करहरबारी पंचायत से मुखिया चुनी गईं सहारा खातून ने कहा कि वह अपने पति के अधूरे कामों को पूरा करेंगी। वह पति से भी बेहतर काम करने का प्रयास करेंगी और जनता को शिकायत का कोई मौका नहीं देंगी। तेलोडीह के नवनिर्वाचित मुखिया मो. शब्बीर आलम ने कहा कि इसके पूर्व उनकी पत्नी यहां से मुखिया थीं। उन्होंने काफी काम किया है। जो काम पूरा नहीं हुआ है उसे पूरा करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। पंचायत में बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा की व्यवस्था और समूह बनाकर लोगों को लघु उद्योग से जोड़ा जाएगा। घर-घर पेयजल पहुंचाने की दिशा में भी पहल होगी। अगदोनी कला के मनोज पासी ने कहा कि पत्नी के कामों को आगे बढ़ाएंगे। पत्नी के कार्यकाल में अगर कहीं कोई कमी रही है तो उसे पूरा कर और बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।