शिक्षा विभाग में चल रहा प्रतिनियोजन का खेल
गिरिडीह शिक्षा विभाग में कर्मियों के प्रतिनियोजन का खेल एक बार फिर शुरू हो गया है। यह
गिरिडीह : शिक्षा विभाग में कर्मियों के प्रतिनियोजन का खेल एक बार फिर शुरू हो गया है। यह जिला नहीं, बल्कि प्रमंडल स्तर से हो रहा है। इस प्रतिनियोजन से संबंधित कर्मी खफा हैं। वे इसे नियम विरुद्ध बताते हुए संबंधित पदाधिकारी की मंशा पर ही सवाल उठा रहे हैं।
गिरिडीह, धनबाद और हजारीबाग के डीएसइ कार्यालयों में पदस्थापित 15 लिपिकों का प्रतिनियोजन आरडीडीइ ने दूसरे जिलों में किया है। प्रतिनियोजित किए गए कर्मियों में सात कर्मी गिरिडीह डीएसइ कार्यालय के हैं। इन सभी का प्रतिनियोजन कोडरमा जिला में कर दिया गया है।
कर्मी इस प्रतिनियोजन को नियम विरुद्ध बता रहे हैं। कहना है कि विशेष शिक्षा सचिव सह माध्यमिक शिक्षा निदेशक के 26 जून 2020 को लिखे पत्र को आधार बनाकर यह प्रतिनियोजन आरडीडीइ ने किया है, लेकिन एक साल से अधिक समय बाद इस पत्र का हवाला देकर यह प्रतिनियोजन क्यों किया गया। प्रमंडलीय शिक्षा स्थापना समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित करने के बाद ही कर्मियों का स्थानांतरण या प्रतिनियोजन करने का नियम है, लेकिन प्रमंडलीय शिक्षा स्थापना समिति की न तो बैठक हुई है और न ही प्रतिनियोजन करने के पूर्व समिति की सहमति ली गई है। कर्मियों का आरोप है कि उन्हें परेशान और भयादोहन करने के ख्याल से उनका प्रतिनियोजन किया गया है।
संयुक्त सचिव भी जता चुके हैं आपत्ति:
झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव आदित्य कुमार आनंद भी कर्मियों के प्रतिनियोजन को लेकर पूर्व में भी आपत्ति जता चुके हैं। इसे लेकर सात जनवरी 2020 को जारी पत्र में कहा था कि सभी प्रमंडलों में नियम विरुद्ध प्रतिनियोजन किए जाने की सूचना मिली है। इस कार्य में क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों की भी सहभागिता परिलक्षित हो रही है। ये मामले गंभीर अनियमितता व प्रशासनिक विफलता का परिचायक है। वर्जन
- जिन जिलों में कर्मियों की आवश्यकता थी, वहां लिपिकों का प्रतिनियोजन किया गया है। यह प्रतिनियोजन नियम संगत तरीके से हुआ है। कर्मियों का प्रतिनियोजन करना आरडीडीइ के अधिकार क्षेत्र में आता है।
मिथिलेश सिन्हा, आडीडीइ, जारीबाग प्रमंडल
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