शिक्षकों के बकाया वेतन को लेकर सरकार सख्त
राज्य बनने के पूर्व वेतन बकाया के भुगतान को लेकर झारखंड सरकार ने कड़ा रुख दिखाया है।प्राथमिक शिक्षा के निदेशक आदित्य कुमार आनंद ने इसे लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र भेजा है।कहा है कि राज्य गठन होने के बीस साल बाद भी इस तरह की बकाया राशि होना उचित नही है ।बीते 20 जनवरी को योजना और वित्त विभाग के जारी आदेश में कहा गया था कि आगामी चालू वित्तीय वर्ष में 15 नवंबर2000 के पूर्व वेतन बकाया को लेकर बजट में कोई राशि नही दी जाएगी।हाई
गिरिडीह : राज्य बनने के पूर्व बकाया वेतन के भुगतान को लेकर झारखंड सरकार ने कड़ा रुख दिखाया है। प्राथमिक शिक्षा के निदेशक आदित्य कुमार आनंद ने इसे लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र भेजा है। कहा है कि राज्य गठन होने के बीस साल बाद भी इस तरह की राशि का बकाया होना उचित नहीं है। बीते 20 जनवरी को योजना और वित्त विभाग के जारी आदेश में कहा गया था कि आगामी चालू वित्तीय वर्ष में 15 नवंबर 2000 के पूर्व वेतन बकाया को लेकर बजट में कोई राशि नहीं दी जाएगी। हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य बनने के बाद शिक्षकों के बकाए वेतन का भुगतान आवश्यकता अनुसार वेतन निधि से किया जा सकेगा। यह भी कहा गया है कि बकाए वेतन मद में भुगतान राशि का प्रावधान नहीं रहने अथवा कोई बाध्यता नहीं होने पर भी इसका भुगतान वेतन मद से ही किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने 14 दिसंबर 2014 को वित्त विभाग के संबंध में निर्णय लिया था। इसी आलोक में निदेशक ने भेजे पत्र में कहा है कि निकासी और व्ययन पदाधिकारी 13 मार्च तक राज्य गठन के पूर्व की बकाया राशि की सूचना भेजें। इसके बावजूद किसी भी शिक्षक का 15 नवंबर 2000 के पूर्व के वेतन की राशि बकाया रह जाने पर उसे इन अधिकारियों के वेतन से वसूल किया जाएगा। निकासी और व्ययन पदाधिकारी के अवकाश प्राप्त करने पर बकाया वेतन की राशि उसके पेंशन से काट कर दी जाएगी। ये अधिकारी बकाए वेतन की मांग 13 मार्च तक ही भेज पाएंगे और इसकी सूचना वीसी से राज्य निदेशक को देंगे।