भूख से मौत की जांच शुरू, दोषियों पर कार्रवाई की मांग
चैनपुर के मुखिया रामप्रसाद महतो ने बताया कि सावित्री के घर मे अनाज का एक दाना नहीं था। उसका राशन कार्ड भी नहीं बना था।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। झारखंड में गिरिडीह जिले के मंगरगड्डी गांव में 58 वर्षीय महिला सावित्री देवी की भूख से मौत हो गई। पिछले तीन दिनों से उनके घर में चूल्हा नहीं जला था। बहुएं अगल-बगल के घरों से उधार चावल लाकर अपने बच्चों का किसी तरह पेट पाल रही थीं। चार दिनों तक भूख से तड़पने के बाद शनिवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे जीवन से लड़ने की उनकी क्षमता खत्म हो गई और उनके प्राण निकल गए। भूख से महिला की मौत की बात रविवार की सुबह सामने आई। बेटे के इंतजार में शव घर पर ही पड़ा था। उनके दो बेटे हैं और दोनों बाहर थे। सूचना पाकर रविवार की सुबह उनका छोटा बेटा हुलास महतो पहुंचा। दोनों भाई रोजगार के लिए कुछ दिन पूर्व ही घर से बाहर निकले हैं। अब तक वे अपने घर एक फूटी कौड़ी भी भेज नहीं पाए थे। महिला के पति द्वारिका महतो की 10 साल पहले मौत हो चुकी थी।
भूख से सावित्री देवी की मौत की जांच शुरू
भूख से सावित्री देवी की मौत की जांच शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि उन्हें दुख है कि बहन सावित्री की मौत हो गई। जिला प्रशासन मामले की जांच कर रिपोर्ट दे। वहीं, विपक्षी दलों के नेताओं ने इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज करने को कहा है।
भूख से मौत मामले में मृतका के घर पहुंचे अपर समाहर्ता अशोक साह, परिजनों और आसपास के लोगों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने बंद कमरे में बीडीओ, एमओ व एसडीएम के साथ की बैठक। मीडिया से कोई बात नहीं की। कहा, हम सरकार को ही जवाब देंगे।
हरकत में आया प्रशासन
उधर भूख से मौत की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। प्रभारी डीसी (उपायुक्त) मुकुंद दास ने तत्काल खाद्य आपूर्ति विभाग के मार्केटिंग ऑफिसर कांशी को पीडि़त परिवार के पास भेजा। मौके पर पहुंचने के साथ ही मार्केटिंग ऑफिसर ने सावित्री के पूरे घर का निरीक्षण किया। स्थानीय विधायक जगरनाथ महतो के सामने बातचीत में उन्होंने स्वीकार किया कि घर की जो स्थिति है, उसे देखते हुए लगता है कि महिला की भूख से ही मौत हुई है। विधायक जगरनाथ महतो ने भूख से मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। चैनपुर पंचायत के मुखिया रामप्रसाद महतो ने कहा कि महिला की मौत भूख से हुई है। उसे सरकार की ओर से मिलने वाली कोई भी सुविधा नहीं मिल रही थी। राशन कार्ड तक उस परिवार का नहीं था। गिरिडीह के प्रभारी डीसी मुकुंद दास ने बताया कि फिलहाल जो जानकारी है, उसके अनुसार महिला की बीमारी से मौत हुई है। वैसे मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी सहायता उस परिवार के लिए जरूरी होगी, उपलब्ध कराई जाएगी।
सिमडेगा की संतोषी की मौत के बाद भी नहीं चेती सरकार
गौरतलब है कि इससे पूर्व सिमडेगा जिले के करीमती गांव में पिछले साल सितंबर में 11 वर्षीय संतोषी की भूख से मौत हो गई थी। परिवार का राशन कार्ड आधार से लिंक न होने की वजह से राशन नहीं मिल पा रहा था। इस वजह से घर के सदस्य भूखे रहने को मजबूर थे। सरकार फिर भी नहीं चेती तथा एक और मौत भूख के कारण हो गई।