प्रवासी मजदूरों को रोजगार देना प्राथमिकता : उपायुक्त
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार से उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए बाहर में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा उनके गृह जिला लाया जा रहा है। गिरिडीह जिले के अब तक करीब
गिरिडीह : समाहरणालय के सभागार कक्ष में शनिवार को आयोजित बैठक में उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों को जिले में रोजगार देना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। सभी मजदूरों को उनकी क्वारंटाइन अवधि के पश्चात सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं से जोड़ा जाएगा एवं उन्हें जिले में ही रोजगार दिया जाएगा। बीते 10 दिनों में अभी तक 7 हजार से ज्यादा मनरेगा की योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर शुरू किया गया है। इनसे अधिक संख्या में प्रवासी मजदूरों को जोड़ा गया है तथा रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्हें ससमय भुगतान करने का भी निर्देश दिया गया है। ग्रामीण स्तर पर शुरू की गई योजनाओं में प्रयास यह है कि ज्यादा से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को जोड़ा जाए। इस आलोक में नए प्रवासी मजदूरों के लिए अभी तक 72 हजार जॉब कार्ड बनवाए गए हैं। क्वारंटाइन किए गए लोगों के बीच उनकी क्वारंटाइन अवधि के पश्चात जॉब कार्ड का वितरण किया जा रहा है। टीसीबी, सोख्ता गड्ढा, नाला, आम बागवानी योजना में भी उन्हें शामिल किया जा रहा है। बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों को उनके ग्राम पंचायत के नजदीक ही रोजगार दिया जाएगा ताकि जॉब्स की मांग बढ़े और ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को ग्रामीण स्तर पर शुरू की गई योजनाओं से जोड़ा जा सके।
-80 हजार मजदूरों को बाहर से लाया गया: उपायुक्त ने कहा कि गिरिडीह जिले के अब तक करीब 80 हजार प्रवासी मजदूरों को गृह जिला लाया गया है। बाहर से आ रहे सभी लोगों को सरकार की संचालित ग्रामीण स्तर की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा वे विभिन्न वर्क डिपार्टमेंट में भी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। अभी वर्तमान में डीएमएफटी, अंटाइड फंड, पीएमजीएसवाई, रूरल रोड्स तथा अन्य काफी सारी योजनाओं को जिले में शुरू किया गया है। जिले में 1 हजार से अधिक योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर शुरू किया गया है ताकि मजदूरों को उससे जोड़ा जा सके।