नक्सली हिसा पर अंकुश लेकिन साइबर अपराधी बेलगाम
2019 गिरिडीह पुलिस के लिए एक अच्छा वर्ष रहा। नक्सली घटनाओं में जहां काफी कमी आई है वहीं साइबर अपराध दुष्कर्म व अपहरण जैसी घटनाएं बढ़ी है।
गिरिडीह : 2019 गिरिडीह पुलिस के लिए एक अच्छा वर्ष रहा। नक्सली घटनाओं में जहां काफी कमी आई है वहीं साइबर अपराध, दुष्कर्म व अपहरण जैसी घटनाएं बढ़ी है। पुलिस में दर्ज प्राथमिकी और न्यायालय में दायर परिवाद पत्र में एक तिहाई मामला पारिवारिक मामलों से संबंधित है। इस साल कुल 3622 प्राथमिकी दर्ज की गई है जबकि 2018 में यह आंकड़ा 3526 था। इसके अलावा इस साल न्यायालय में दायर परिवाद पत्र की संख्या 3120 दर्ज की गई जिनमें उत्पाद, वन एवं अन्य सरकारी विभागों के परिवाद पत्र शामिल है। वहीं कुटुंब न्यायालय में करीब 500 मामले दर्ज किए गए हैं। इस तरह कुल मामलों की संख्या 7240 रही है। पति-पत्नी में हुई अनबन तो चार मुकदमे होते दर्ज :
न्यायालय में सबसे ज्यादा मुकदमों का बोझ परिवारिक मामलों से बढ़ा है। पति-पत्नी के बीच अनबन होने से एक नहीं चार मुकदमे दर्ज होते हैं। हालांकि इन मामलों में 80 फीसदी में सुलह भी हो जाती है। इसके बावजूद ये मुकदमा न्यायालय पर बोझ बढ़ाती है।
साइबर अपराध से नहीं मिल रही निजात : जिला पुलिस के लिए साइबर अपराध चुनौती है। लगातार हो रहे इस अपराध पर काबू नहीं पाया जा सका है। अपराधी नित्य नए प्रयोग से लोगों को ठग रहे हैं। पुलिस लगातार करवाई करने के बावजूद पूरी तरह अंकुश नहीं लगा सकी है। सरकार साइबर अपराध से चितित होकर विशेष थाना खुलवाई है। साथ ही साइबर का विशेष अदालत भी बनाया गया है। जिले में कुल 190 साइबर के मामले लंबित है। 2019 में साइबर अपराध में करीब 45 मामला दर्ज कर कई आरोपितों को जेल भेजा गया।
अवैध शराब कारोबार की बढ़ी संख्या : अवैध शराब के कारोबार के मामले में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी दर्ज की गई। बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगने के बाद यहां अवैध व्यापार बढ़ा है। बिहार जाने का सुगम रास्ता गिरिडीह जिला ही है जो सीधे बिहार की सीमा से सटा है। अवैध कारोबारियों से कई वाहन और गोदाम से करोड़ों रुपये की शराब जब्त की गई थी। हालांकि कई शराब माफिया पर पुलिस नकेल कसने में नाकाम रही। इस साल कुल 325 से अधिक मामले दर्ज किए गए। इसी तरह वन मामले में मामले दर्ज किये गए।
चोरी की बढ़ी घटनाएं
2019 जिले में चोरी की कई घटनाएं हुई। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक कई घरों में चोरी की घटनाएं घटीं। डकैती आर्म्स एक्ट आदि मामलों में पिछले साल की तरह ही वारदात हुई। पुलिस कुछ मामलों में खुलासा करने में सफल भी रही।
अपहरण और दुष्कर्म के मामलों में संख्या बढ़ती ही जा रही है। नाबालिगों के साथ होनेवाले यौन अपराध में सजा कठोर किए जाने के बाद भी लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है। यह समाज को सोचने पर मजबूर कर देता है। पुलिस के लिए राहत की बात यह रही कि पिछले कुछ वर्षों के अनुपात में नक्सली वारदातों की संख्या में काफी कमी रही।