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धनवार में पहले भी हो चुकी बच्चों संग महिलाओं की मौत

पारिवारिक विवाद के कारण महिलाओं का बच्चों के साथ कुएं में कूदकर और आग लगाकर जान देने की घटना पहले भी हो चुकी है। इसके पहले भी वर्ष 201

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 06:14 AM (IST)
धनवार में पहले भी हो चुकी बच्चों संग महिलाओं की मौत
धनवार में पहले भी हो चुकी बच्चों संग महिलाओं की मौत

खोरीमहुआ (गिरिडीह): पारिवारिक विवाद के कारण महिलाओं का बच्चों के साथ कुएं में कूदकर और आग लगाकर जान देने की घटना पहले भी हो चुकी है। इसके पहले भी वर्ष 2018 के 18 अगस्त में राजधनवार थाना क्षेत्र के नीमाडीह में घरेलू विवाद से तंग 32 वर्षीय जुबैदा खातून ने अपने तीन बेटे मोजामिल अंसारी (11), मोजासिर अंसारी (9) एवं मो. दानिश (7) वर्ष के साथ कुएं में कूदकर जान दे दी थी। पुलिसिया कार्रवाई की कहानी है कि घटना के करीब दो वर्ष बाद भी पुलिस सभी आरोपितों तक नहीं पहुंच पाई है। इस घटना में सिर्फ पुलिस ने मृतका के पति मनौवर अंसारी को ही गिरफ्तारी कर सकी है। मरकच्चो के महुआटांड़ के रहनेवाले जुबैदा के पिता असगर अंसारी ने ससुरालवालों पर दहेज के लिए पुत्री को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि 15 वर्ष पूर्व नीमाडीह निवासी अपने ही जीजा रज्जाक अंसारी के मंझले पुत्र मो. मनौवर अंसारी के साथ जुबैदा की शादी की गई थी। शादी के बाद जीजा मो. रज्•ाक एवं मनौवर दहेज में और रुपया मायके से लाने के लिए पुत्री को प्रताड़ित करने लगे। इस बीच कई बार पंचायती कर मामले को सुलझाया भी गया, लेकिन प्रताड़ित करने का सिलसिला जारी रहा। कुछ ही वर्ष पूर्व तीन लाख रुपये दिया भी गया था। इसके बाद भी और पैसे की मांग करते हुए पुत्री को प्रताड़ित करते रहे। मृतका के पिता असगर ने अपनी बेटी व उसके बच्चों की हत्या के लिए अपने दामाद मनौवर अंसारी, समधी अब्दुल रज्जाक, समधिन जाहिदा खातुन, दामाद के बड़े भाई एनुल, बेटी की गोतनी आमना खातुन, देवर असलम, समसुद्दीन एवं ननद तरन्नुम खातुन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस अब तक सिर्फ मृतक महिला के पति मनव्वर अंसारी को ही गिरफ्तार कर सकी है।

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दूसरी घटना धनवार थाना क्षेत्र के पांडेयडीह गांव में वर्ष 2017 को घटी थी। इस घटना में भी प्रभु साव के पुत्र सुनील साव की पत्नी ने अपने एक साल के दुधमुंहे बच्चे के साथ पांडेयडीह स्थित अपनी ससुराल के दो मंजिले मकान के एक कमरे मे दोपहर को ही आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। हांलाकि बाद में दोनों पक्षों ने इस पर समझौता कर लिया। इसके बाद पुलिस ने भी इस मामले से अपना हाथ खींच लिया।

-तीसरी घटना घोड़थंबा ओपी क्षेत्र के मानोडीह में वर्ष 17 में ही घटी थी। यहां भी एक यादव परिवार की एक महिला ने अपने एक साल की बेटी संग कुएं में कूदकर जान दे दी थी। इस मामले ने एक नया मोड़ तब ले लिया था जब मायकेवालों को बिना बताए ससुराल वालों ने महिला और उसकी बेटी को शमशान घाट अंतिम संस्कार के लिए ले गए। मायकेवालों को जब इसकी भनक लगी तो धनवार पुलिस ने मां बेटी का शव जलती चिता से बाहर निकालकर जब्त कर लिया था। हालांकि इस घटना में अभी तक पुलिस ने क्या कार्रवाई की है और इस मामले कौन कौन आरोपित जेल गए हैं इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। इसके अलावे धनवार के विभिन्न गांवों की दर्जनों विवाहिताएं दहेज लोभियों की बलिवेदी पर चढ़ चुकी हैं। हाल ही में परसन ओपी क्षेत्र के ही खंडहरा के रहनेवाले संतोष शर्मा की पत्नी बबीता देवी की मौत भी संदेहास्पद स्थिति में आग से झुलसकर हो गई थी।


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