पूरी रात होती रही थी फायरिंग, दहल उठा था इलाका
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: नक्सली योधो टुडू को पुलिस बीते 10 वर्षो से तलाश रही थी। 30 माच
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: नक्सली योधो टुडू को पुलिस बीते 10 वर्षो से तलाश रही थी। 30 मार्च 2009 की रात पुलिस की टीम के साथ हुई मुठभेड़ में युद्धो टुडू भी शामिल था। बताया जाता है कि उस रात लगभग 9 बजे बिरनी के मेरमपहरी में नक्सलियों के बैठक करने की सूचना तत्कालीन डीएसपी सुरेंद्र ¨सह को मिली थी। वे अपने अंगरक्षक को साथ लेकर उक्त स्थान पर पहुंच गए। जहां उग्रवादियों की बैठक चल रही थी, वहां से एक किलोमीटर पहले गाड़ी खड़ी कर दोनों आगे बढ़ने लगे। बैठक स्थल तक पहुंचने से पहले डीएसपी ने टार्च मारकर देखा। लाइट देख उग्रवादियों ने फाय¨रग कर दी। गोली डीएसपी के अंगरक्षक को लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।
तत्कालीन एसपी ने संभाला था मोर्चा: घटना की सूचना डीएसपी ने एसपी को दी। रात में ही इलाके को चारों तरफ से सील कर दिया गया। घटनास्थल पर तत्कालीन एसपी एवी होमकर ने पहुंचकर मोर्चा संभाला। पुलिस ने नक्सलियों पर अंधाधुंध गोली दागनी शुरू कर दी। दोनों तरफ से रात भर मुठभेड़ होती रही। पुलिस को भारी पड़ते देख उग्रवादियों को भागना पड़ा था।
इन पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी: मामले में मुफस्सिल थाने के अहमद अली ने महिला समेत 13 नामजद व चार-पांच अज्ञात नक्सलियों पर मुकदमा दर्ज किया था। इनमें मुरारी जी एरिया कमांडर, नागो उर्फ नागेश्वर उर्फ रणवीर, नवी मियां, संतोष, मिथिलेश, दुला दी, अंजू दी, मंजू दी, शोभा दी, लक्ष्मण राय, बुधन मांझी, योधो टुडू आदि शामिल थे। ये सभी बिरनी, डुमरी व पीरटांड़ के हैं।