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जिस इलाके में अधूरा रहा गया सुदेश का काम, वहां अब चंद्रप्रकाश मांग रहे वोट

जिले के अति उग्रवाद प्रभावित पीरटांड़ प्रखंड को मॉडल बनाने हेतु यहां के प्रखंड मुख्यालय को मॉडल बनाने की योजना के तहत हुआ काम पीरटांड़ में साथ वर्ष में भी फाइनल नही हुआ।यहां वर्ष 2011 में मॉडल प्रखंड भवन बनाने के लिए शिलान्यास हुआ।ये शिलान्यास पूर्व उप मुख्य मंत्री सुदेश महतो ने किया था।अब उनकी ही पार्टी के सांसद में उम्मीदवार भी इसी लोक सभा से हुआ है ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि जिस पार्टी की सरकार साथ वर्षों में मॉडल भवन नही बना सकीय वे बाद में क्या करेगी।बता दें

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 01:00 AM (IST)
जिस इलाके में अधूरा रहा गया सुदेश का काम, वहां अब चंद्रप्रकाश मांग रहे वोट

संवाद सहयोगी, पीरटांड़: जिले के अति उग्रवाद प्रभावित पीरटांड़ प्रखंड को मॉडल बनाने की योजना के तहत हुआ काम पीरटांड़ में सात वर्षो में भी फाइनल नहीं हो पाया है। वर्ष 2011 में मॉडल प्रखंड भवन का यहां शिलान्यास तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो ने किया था। अब उनकी ही पार्टी के उम्मीदवार सांसद प्रत्याशी के रूप में इस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में लोग अब यह सवाल कर रहे कि जिस पार्टी की सरकार सात वर्षो में मॉडल भवन नहीं बना सकी, वह अब क्या करेगी।

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बता दें कि पीरटांड़ के पुराने प्रखंड कार्यालय को नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया था, जिससे पूरा मुख्यालय भवन तहस-नहस हो गया था। कुछ दिनों तक जनता का सरकारी कार्य बाधित रहा। एक आवास के भवन को कार्यालय बनाकर उसे वहां चलाया जा रहा है। इस कारण जरुरी कार्य एवं समस्याओं के निदान के लिए एवं अधिकारियों के बैठने के लिए प्रखंड भवन की आवश्यकता को ले झारखंड सरकार ने मॉडल ब्लॉक बनाने पर जोर दिया। इसमें यह निर्णय लिया गया कि जनता की बुनियादी सुविधाओं को इस भवन में बैठकर ही पूरा किया जाएगा। इस कड़ी में 11 सितंबर 2011 को सरकार के उपमुख्यमंत्री व आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने मॉडल ब्लॉक निर्माण की आधारशिला रखी और शिलान्यास कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया। सरकार का उद्देश्य इस मॉडल ब्लॉक को हाइटेक तरीके की सुविधा देने के साथ अधिकारियों के आवासीय सुविधा के अलावे ग्रामीणों के स्वागत कक्ष, शौचालय सहित सभी सुविधाओं से लैस करना था, लेकिन कार्य सात वर्ष बाद भी अधूरा है। इस ओर न संबंधित अधिकारियों का ध्यान है और न ही जनप्रतिनिधियों का। अधूरे भवन से ब्लॉक के संचालन में भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। वहीं प्रखंड कर्मियों को जिला मुख्यालय में रहना पड़ रहा है, जिससे विकास कार्यो का निष्पादन भी प्रभावित हो रहा है।

अधूरे भवन से कार्य करने में हो रही परेशानी: सीओ

सात वर्ष से बन रहे मॉडल प्रखंड भवन के अधूरे रहने से प्रखंड अधिकारियों को जगह के अभाव में कार्य करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर भवन में अंचल कार्यालय, किसान भवन में बाल विकास परियोजना कार्यालय, किचन रूम में प्रज्ञा केंद्र और सीओ आवास भवन में बीडीओ कार्यालय संचालित हो रहा है। इस संबंध में पीरटांड़ के सीओ ने कहा कि मॉडल ब्लॉक निर्माण में हो रही देरी से कार्य के निष्पादन में भारी परेशानी हो रही है। ब्लॉक कर्मियों को अपना आवास दूसरी जगह रखकर कार्य करना पड़ रहा है। अगर मॉडल ब्लॉक पूरी तरह बन जाता तो बहुत से कर्मी अपना आवास यहां रख कार्यों को बेहतर तरीके से करते। सांसद प्रतिनिधि श्याम प्रसाद ने कहा कि मॉडल ब्लॉक निर्माण में काफी देरी व अनियमितता के लिए ठेकेदार व संबंधित अधिकारी दोषी हैं। ऐसे में उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। विधायक प्रतिनिधि बबलू साव ने कहा कि निर्माण कार्य में घोर लापरवाही के कारण ठेकेदार पर कानूनी कार्रवाई कर उसके लाइसेंस को रद्द करना चाहिए। आजसू प्रखंड अध्यक्ष मेराज आलम का कहना कि सुदेश महतो के मॉडल ब्लॉक निर्माण कर जनता को सहूलियत पहुंचाने का सपना एक ठेकेदार की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। जमुआ व पीरटांड़ में एक साथ निर्माण कार्य शुरू हुआ, पर सात वर्ष बाद भी अब तक भवन अधूरा है। इस संबंध में ठेकेदार मानिक चंद का कहना है कि निर्माण कार्य कुछ ही दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। कुछ भवन बन गए हैं, जिसमें काम हो रहा है।


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