दुष्कर्म के बाद निकाह, अब मांग रहे दहेज
जमुआ (गिरिडीह) : हीरोडीह थाना क्षेत्र की एक महिला न्याय पाने के लिए बीते 1 नवंबर से थाना क
जमुआ (गिरिडीह) : हीरोडीह थाना क्षेत्र की एक महिला न्याय पाने के लिए बीते 1 नवंबर से थाना का चक्कर काट रही है। उसकी शिकायत 38 दिन बीत जाने के बाद कार्रवाई तो दूर पुलिस प्राथमिकी तक नहीं दर्ज कर सकी है। न्याय की आस में पीड़िता ने अब पुलिस कप्तान का दरवाजा खटखटाया है। एसपी को आवेदन देकर उसने इंसाफ की मांग की है। एसडीपीओ को भी पत्र की कॉपी भेजी गई है। पीड़िता के अनुसार वर्ष 2015 के अक्टूबर माह में जब वह किशोरावस्था में थी तब घर में घुसकर गांव के युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के बाद उसने यह बात किसी को बताने पर जान से मार डालने की धमकी दी थी। इसके बाद वह गर्भवती हो गयी। इस बात को लेकर गांव की अंजुमन कमेटी ने पहल करते हुए 2016 के मई माह में दोनों का निकाह करा दिया था। बाद में उसने एक पुत्र को जन्म दिया। निकाह के बाद ढाई माह तक ससुराल में वह ठीक से रही। बाद में उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। इस वर्ष 11 जुलाई को उसके ससुरालवालों ने आपस में मशविरा कर कहा कि उसने दहेज में कुछ नहीं लाया है। लिहाजा दो लाख रुपया नगद, मोटरसाइकिल, फ्रिज, अलमीरा आदि जब तक वह मायके से लेकर नहीं आएगी तब तक उसे प्रताड़ित किया जाएगा। पीड़िता के अनुसार उसके बाद से उसके साथ मारपीट, आत्महत्या के लिए मजबूर करना, नौकरानी से भी बदतर सलूक करना आदि घरेलू ¨हसा की जाने लगी। उसने इसकी शिकायत एक नवंबर को हीरोडीह थाना पहुंचकर की। बाद में 5 नवंबर को हीरोडीह थाना द्वारा सुलह समझौता के लिए उसे बुलाया गया। इसमें विषयवस्तु से हटकर ससुरालवाले दबाव बनाकर उसके पवित्र रिश्ते (निकाह) को तोड़ने की बात करने लगे। दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनने पर पीड़िता ने आगे की कार्रवाई के लिए विनती की मगर पुलिस द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा अंजुमन कमेटी के ओहदेदारों द्वारा उससे तीन तलाक लेने का दबाब बनाया जाने लगा। तलाक नहीं लेने पर बच्चे सहित उसे जान से मार डालने और मायके व रिश्तेदारों को संगीन मुकदमे में फंसाने की धमकी दी दी गयी। पीड़िता ने एसपी को दिए आवेदन में कहा है कि वह और उसके परिवार के लोग डरे हुए हैं। वह दाम्पत्य जीवन जीना चाहती है। उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी जाए और उसके साथ शारीरिक, मानसिक, दहेज प्रताड़ना आदि करनेवाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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प्रताड़ना से संबंधित शिकायत की जानकारी उन्हें हुई है। उसकी शिकायत से संबंधित प्राथमिकी शीघ्र दर्ज करने का आदेश हीरोडीह के थाना प्रभारी को दिया है। एक माह से अधिक समय तक प्राथमिकी दर्ज नहीं होने को लेकर थाना प्रभारी से पूछताछ की जाएगी।
-प्रभात रंजन बारवार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, खोरीमहुआ।