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लोकल सेल चालू होते हुए हो गया बंद

गिरिडीह सीसीएल कोलियरी में पिछले दो वर्ष से लोकल सेल बंद है। लोकल सेल बंद रहने से जहां हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। वहीं कुछ मजदूर दूसरे रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं तो कुछ मजदूर लोकल सेल चालू होने के आस में दर दर भटकने को विवश हैं। ज्ञात हो कि गिरिडीह कोलियरी में दो कबरीबाद एवं ओपेनकास्ट खुली कोयला खदान संचालित है। वर्तमान में यहीं दो माइंसों से कोयला का उत्पादन होता रहा है और दोनों माइंसों में लोकल सेल के माध्यम से कोयला का उठा

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 11:00 AM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 11:00 AM (IST)
लोकल सेल चालू होते हुए हो गया बंद
लोकल सेल चालू होते हुए हो गया बंद

बनियाडीह (गिरिडीह): गांडेय के झामुमो विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने गिरिडीह के बनियाडीह सीसीएल कोलियरी में पिछले दो वर्षों से बंद पड़े लोकल सेल को एक माह पहले चालू कराया था। इससे वहां के मजदूरों में हर्ष की लहर दौड़ गई थी कि अब उन्हें फिर से वहां रोजगार मिलना शुरू हो जाएगा पर उनकी यह खुशी कुछ ही दिनों में काफूर हो गई क्योंकि वहां कोयले का अभी अभाव है जिस कारण यह फिर से बंदी के कगार पर पहुंच गया है। इसके पुन: बंद हो जाने से हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। कुछ मजदूर दूसरे रोजगार के लिए यहां से पलायन कर रहे हैं तो कुछ लोकल सेल में कोयले का आवंटन मिल जाने की आस में दर दर भटकने को विवश हैं।

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गिरिडीह कोलियरी में दो कबरीबाद एवं ओपेनकास्ट खुली कोयला खदान संचालित हैं। इसी दो माइंसों से कोयला का उत्पादन होता रहा है और दोनों में लोकल सेल के माध्यम से कोयले का उठाव भी होता रहा था। कबरीबाद माइंस से सीटीओ के अभाव में पिछले कई माह से कोयले का उठाव नहीं हो पा रहा था जिस कारण रोड सेल बंद है।

विधायक के इसके शुरू करवाने के बाद ओपेनकास्ट माइंस को एक पखवारे पूर्व सीटीओ मिला था। सीटीओ मिलने के बाद वहां लोकल सेल चालू किया गया लेकिन डंपयार्ड में पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं रहने से अधिकांश मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। लोकल सेल के मजदूरों ने सीसीएल प्रबंधन से रोड सेल को फिर से चालू करवाने की मांग की है।

ट्रक लोडिग कार्य नहीं मिलने से हजारों मजदूर बेरोजगार: गिरिडीह कोलियरी में संचालित लोकल सेल पर तीन हजार मजदूर आश्रित हैं। उन्हें ट्रक लोडिग का कार्य नहीं मिलने से वे बेरोजगार हो गए हैं। इन मजदूरों की आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो गई है। वे वर्षों से कबरीबाद एवं ओपेनकास्ट माइस में चलनेवाले लोकल सेल के ट्रकों में लोडिग कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन इसके बंद रहने से पिछले दो वर्ष से उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है।

क्या कहते लोकल सेल के मजदूर: लोकल सेल के मजदूर व सरदार कैला गोप, लाला गोप, जागेश्वर गोप, ज्ञानी दास, चुड़का हांसदा, मदन दास, सीताराम हांसदा, जानकी पांडेय जीवलाल दास, सोमर दास, मुमताज अंसारी, विजय गोप, जमुना दास, आसू गोप, कासिम अंसारी आदि का कहना है कि गिरिडीह कोलियरी में वेलोग तीस वर्षों के लोकल सेल के ट्रकों में लोडिग करते आ रहे हैं। इससे उनके परिवार का भरण पोषण होता है। उनलोगों की यही रोजी रोटी है, लेकिन लोकल सेल को चालू कराने की दिशा में न हीं सीसीएल प्रबंधन कोई ध्यान दे रहा है। मजदूरों के मसीहा कहलानेवाले मजदूर नेता भी कोई रूचि इसमें नहीं ले रहे हैं। इस इकाई के एरिया बनने के बाद लोकल सेल की स्थिति और गड़बड़ा गई थी। कहा कि राज्य में झामुमो की सरकार बनी है। अब लोगों में आस जगी है कि लोकल सेल फिर चालू होगा जिससे यहां के हजारों मजदूरों को रोजगार मिलेगा। -क्या कहता सीसीएल प्रबंधन: सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार का कहना है कि कबरीबाद माइंस को सीटीओ नहीं मिलने से वहां से कोयले का उठाव नहीं हो पा रहा है। सीटीओ मिलने के बाद कोयले का उठाव होगा। ओपेनकास्ट माइंस को सीटीओे मिला है जहां लोकल सेल को चालू किया गया, लेकिन कोयले के अभाव में उसकी गति काफी धीमी है।


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