क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रही सुविधा
ताराटांड थाना क्षेत्र उत्क्रमित मध्य विद्यालय जमडीहा मे मुम्बई व सुरत से अपने गांव जमडीहा पहुंचे प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि श्रमिक ट्रेन से अलग अलग राज्यों मुम्बई व सुरत से अपने गांव जमडीहा पहुंचे प्रवासी मजदूरों को गांव के बगल में स्थित विद्यालय में क्वारणटाईन मे रखा गया है। लेकिन उन सबका सुद लेने वाला कोई नहीं है। एक एक समय काटने मे प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
अहिल्यापुर (गिरिडीह) : ताराटांड़ थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जमडीहा में रह रहे मुंबई व सूरत से लौटे प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि श्रमिक ट्रेन से अलग-अलग राज्यों मुंबई व सूरत से अपने गांव जमडीहा पहुंचे। प्रवासी मजदूरों को गांव के बगल में स्थित विद्यालय में क्वारंटाइन केन्द्र में रखा गया है लेकिन उन सबकी सुध लेनेवाला कोई नहीं है। एक एक समय काटने में प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन सभी प्रवासी मजदूरों को क्या पता था कि उसे घर अपने गांव पहुंचने पर कोरोना वायरस के साथ साथ ऐसा भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
क्या कहते प्रवासी मजदूर : उन सबों ने बताया कि जिस विद्यालय में हम सभी प्रवासी मजदूर को क्वारंटाइन में रहने के लिए दिया गया है वहां कोई व्यवस्था नहीं है। बताया कि शौचालय, पानी, बिजली आदि की कोई व्यवस्था नहीं है। शौचालय की स्थिति बहुत खराब है। हम सभी बाहर खुले में शौच जाते हैं। बिजली की व्यवस्था नहीं है। मोबाइल हम सभी को घरों से चार्ज करवाकर लाना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या पानी की है। विद्यालय के पास एक चापाकल है जो बिल्कुल खराब स्थिति में है। पानी पीने के लिए व नहाने धोने के लिए घरों से पानी मंगवाना पड़ता है जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हम सभी के परिवार के सदस्यों द्वारा घरों से खाना लाया जाता है। सरकार ने किसी प्रकार की सुविधा व अनाज मुहैया नहीं कराई है। इससे उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पंडरी पंचायत के मुखिया राजेश यादव ने बताया कि संज्ञान में मिलते ही वे क्वारंटाइन में रह रहे प्रवासी मजदूरों से मिले व जानकारी प्राप्त की। कहा कि इस बात की जानकारी बीडीओ को दे दी गई है। वहां क्वारंटाइन में प्रवासी मजदूर मिथुन राणा, पूरन राणा, डेगो महतो, बिनोद यादव व जोधन यादव रह रहे हैं।