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प्रकृति ने घर छीना, सिस्टम ने चैन

बिरनी प्रखंड के गादी पंचायत के चरघरा गांव निवासी भुवनेश्वर महतो खुले आसमान के नीचे रात दिन काटने को मजबूर है। उनका कोई पुत्र नहीं है। गरीबी के कारण माली हालत ठीक ठाक नहीं है। सरकारी सुविधाओं से महरुम से इन दिनो किसी मसीहा का वाट जोह रहा है। बता दें कि बीते दिनों तेज आंधी तूफान के कारण भुवनेश्वर महतो के घर का खपडेल उडा कर ले गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 11:00 AM (IST)
प्रकृति ने घर छीना, सिस्टम ने चैन
प्रकृति ने घर छीना, सिस्टम ने चैन

बिरनी: गादी पंचायत के चरघरा निवासी भुवनेश्वर महतो खुले आसमान के नीचे रात काटने को मजबूर है। उसे कोई पुत्र नहीं है। उसकी माली हालत ठीक नहीं है। सरकारी सुविधाओं से महरुम भुवनेश्वर इन दिनों किसी मसीहा की बाट जोह रहा है। बीते दिनों आंधी से भुवनेश्वर के खपड़ैल घर उड़ गया। वर्षों से कच्चे मकान में गुजर-बसर करनेवाले इस परिवार के उपर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है। घर के बिना हर समय वो बेचैनी महसूस करता है लेकिन उसे कोई उपाय सामने नहीं दिख रहा। सर पर छत नहीं रहने के कारण वे इन दिनों खुले आसमान के नीचे गुजारा कर रहा है। पंचायत के समाजसेवी अजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर मामले से अवगत कराते हुए भुवनेश्वर की मदद करने की गुहार लगाई है। बताया कि यहां के जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी भी इस संबंध में कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं।

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