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लॉकडाउन में किताब दुकान खोलने की मांग

झारखंड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार भैया ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि लॉक डाउन की अवधि को एक अवसर के रूप में लें।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 07:00 AM (IST)
लॉकडाउन में किताब दुकान खोलने की मांग
लॉकडाउन में किताब दुकान खोलने की मांग

जामताड़ा : झारखंड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार भैया ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि लॉक डाउन की अवधि को एक अवसर के रूप में लें। उन्होंने कहा कि बच्चों के विद्यालय में फोन से संपर्क कर पुस्तकें उपलब्ध कराने का प्रयास करें। ये कोरोना संक्रमण के भय को तो कम करेगा ही साथ ही पढ़ाई पर ध्यान देने से बच्चों का बेहतर प्रगति हो सकेगा। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे बच्चों को झिड़कें नहीं अपितु उनका सहयोग करें। प्रदीप भैया ने प्रशासन से भी अपील किया कि लॉक डाउन की मर्यादा के तहत जिले के स्टेशनरी एवं बुक स्टोर्स को भी अल्प समय के लिए खोलने की अनुमति दें ताकि भविष्य के नागरिक निर्माण का कार्य बाधित न हो। उन्होनें विद्यालयों से आह्वान किया कि बंदी की अवधि में सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई के साथ जोड़े रखें। उन्होंने बताया कि डीएन अकादमी जामताड़ा के शिक्षकों ने एप के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई का कार्य जारी रखा है। बच्चों एवं उनके अभिभावकों ने इसकी प्रशंसा की है। कक्षा 8 तक के स्कूली बच्चों का परीक्षाफल राज्य के लगभग सभी विद्यालयों में प्रकाशित हो चुका है। लेकिन लॉक डाउन से बच्चों के पास नई पुस्तकों व नई कक्षा में नए और पुराने दोस्तों से मिलने के सुख से वंचित हो गए हैं। इन दिनों बच्चे अक्सर शाम को झुंड में खेलते नजर आते हैं। ऐसे में माता-पिता या परिवार के अन्य प्रिय जनों द्वारा वायरस के विरुद्ध लिए गए एहतियात बेमानी हो जाते हैं। बच्चों को घर पर रोकना भी दुष्कर होता है। इन दिनों परिवार के कार्यकारी सदस्य भी घर पर ही रह रहे हैं तो माताएं भी बच्चों का पूरा ध्यान रख नहीं पाते हैं। ऐसे में बच्चों की ऊर्जा को पॉजीटिव साइड में ले जाने के लिए घर के पुरुष सदस्यों को आगे आना चाहिए।

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