112 डायल करने पर मिलेगी आकस्मिक सहायता
आकस्मिक सेवा लेने के लिए अब लोगों को अलग-अलग नंबरों पर डॉयल नहीं करना पड़ेगा। बल्कि सभी आकस्मिक सेवाओं के लिए अब एक कॉमन नंबर काम करेगा। यह नंबर वन इंडिया वन इमरजेंसी नंबर के तहत प्रभावी की जा रही है। इसके तहत आपातकालीन
गिरिडीह: आकस्मिक सेवा लेने के लिए अब लोगों को अलग-अलग नंबरों पर डॉयल नहीं करना पड़ेगा। सभी आकस्मिक सेवाओं के लिए अब एक कॉमन नंबर काम करेगा। यह नंबर वन इंडिया वन इमरजेंसी नंबर के तहत प्रभावी किया जा रहा है। इसके तहत आपातकालीन पुलिस सेवा, मेडिकल सेवा, अग्निशमन सेवा समेत अन्य सेवाओं के लिए 112 नंबर डायल करते ही जरूरत के अनुसार सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इस सेवा के प्रभावी होने के पूर्व पुलिस पदाधिकारियों व अग्निशमन सेवा के पदाधिकारियों को इसे लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण संयुक्त जिला नियंत्रण कक्ष के सभागार में गुरूवार को कोलकाता स्थित सीडैक कंपनी के इंजीनियर संजीव कुमार व अमरदीप कुमार ने दिया। यह प्रशिक्षण गृह मंत्रालय की ओर से आयोजित कर देश के सभी राज्यों में इस व्यवस्था को प्रभावी करने के लिए दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में शामिल पदाधिकारियों को इस नई व्यवस्था को लेकर तकनीकि पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही प्रोजेक्टर के माध्यम से पदाधिकारियों को लाइव लोकेशन, कॉलर लोकेशन, क्राइम सीन से लेकर पीसीआर लोकेशन समेत अन्य बिदुओं पर बारिकी से जानकारी उपलब्ध कराई गई। प्रशिक्षण में जिले के पुलिस इंस्पेक्टर, पुलिस अवर निरीक्षक, सहायक अवर निरीक्षक, अग्निशमन विभाग के पदाधिकारी समेत अन्य लोग शामिल थे।
नया नंबर लांच होते ही मर्ज हो जाएगा पुराना नंबर: आकस्मिक सेवा लेने के लिए अलग-अलग नंबर पर कॉल करने से इस सेवा के लागू हो जाने के बाद निजात मिलेगी। पुलिस सेवा के लिए 100 नंबर, अग्निशमन सेवा के लिए 101 नंबर, मेडिकल सेवा के लिए 108 नंबर के अलावा अन्य सेवाओं के लिए जारी अलग-अलग नंबर नई व्यवस्था के तहत 112 नंबर के प्रभावी होते ही इसमें मर्ज कर जाएगा। इसके बाद अलग-अलग नंबर पर डायल करने के बजाए सिर्फ 112 नंबर पर ही कॉल कर आकस्मिक सेवा का लाभ लिया जा सकेगा।
तीन बार दबाया मोबाइल बटन तो एक्टिव हो जाएगी पुलिस: नई तकनीकों का इजाद कर अपराध पर नियंत्रण को लेकर कई कदम उठाए गए हैं। इसके तहत अगर अपराधी किसी व्यक्ति को पकड़ लें या हथियार का भय दिखाकर घटना को अंजाम देने की फिराक में हों तो ऐसी विकट परिस्थिति में अपने मोबाइल का ऑन-ऑफ बटन तीन बार दबाते ही क्राइम प्वाइंट की जानकारी कंट्रोल रूम को मिल जाएगी। इसके तत्काल बाद पुलिस पूरी तरह से एक्टिव हो जाएगी और घटना स्थान के लोकेशन पर कूच करेगी। इस व्यवस्था को उच्च प्राथमिकता के तहत पैनिक अलर्ट के नाम से जाना जाएगा।
एसएसपी कार्यालय में होगा राज्य कंट्रोल कक्ष: इस व्यवस्था को प्रभावी करने को लेकर अलग-अलग जिलों में प्रशिक्षण देकर पुलिस पदाधिकारियों समेत इससे जुड़े अन्य विभागों के पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण पूरा होते ही रांची में वरीय पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में 112 नंबर सेवा का राज्य नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। यहां पूरे राज्य से कॉल आएगी जिसे संबंधित जिले को स्थानांतरित किया जाएगा।