बकरी पालन कर महिलाएं बन सकतीं आत्मनिर्भर
महिलाएं घर बैठे बकरी पालन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकती हैं । उक्त बातें प्रशिक्षक शब्बीर अंसारी ने मंगलवार को नाबार्ड और आइडिया के संयुक्त तत्वावधान में जमुआ के दुम्मा में आयोजित आजीविका उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सात दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण में कही । उन्होंने कहा कि बकरी पालन के लिए पाँच सूत्र का पालन करना बहुत जरूरी है । वेक्सीनेशन और डीवरमिग रखर
जमुआ (गिरिडीह) : प्रखंड के दुम्मा में नाबार्ड व आइडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आजीविका उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सात दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशिक्षक शब्बीर अंसारी ने कहा कि इस प्रशिक्षण को प्राप्त कर महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकती है। महिलाएं घर बैठे बकरी पालन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकती हैं। बकरी पालन के लिए पांच बातों का पालन करने पर जोर दिया गया। इसके तहत वेक्सीनेशन व डीवरमिग, रखरखाव, खान-पान, साफ-सफाई एवं नस्ल सुधार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। प्रशिक्षक अशोक कुमार यादव ने कहा कि बकरी पालन के लिए ब्लैक बंगाल नस्ल इस क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त है। वह दो साल में तीन बार बच्चा देती है। ब्लैक बंगाल बकरी दो से तीन बच्चे को जन्म देती है। जो व्यावसायिक रूप से ज्यादा फायदेमंद है। ब्लैक बंगाल बकरी पालन में लागत भी कम पड़ता है। आइडिया के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर मुकेश कुमार ने कहा कि दो बैच में महिला समूहों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सुभाष शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा व जोधो अहम भूमिका निभा रहे हैं। दोनों बैच में साठ महिलाएं प्रशिक्षण ले रही है। प्रशिक्षण के बाद सभी को बैंक से बकरी पालन हेतु ऋण की व्यवस्था नाबार्ड व आइडिया संस्था के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा।