झारखंडधाम मंदिर के आसपास लगा गंदगी का अंबार
पवित्र नगरी की धरती झारखंडधाम में जबरदस्त प्लास्टिक की प्रयोग की जाने से गंदगी की अंबार लगती जा रही है बाबा मंदिर के आसपास संस्कृत महा विद्यालय संस्कृत उच्च विद्यालय बड़ी बजरंग बली मंदिर सहित कई अन्य जगहों पर सिगल यूज की बनी प्लास्टिक की बनी थर्माकोल प्लास्टिक गिलास तथा अन्य प्रकार की उपयोगी प्लास्टिक लोग जहाँ तहाँ बेपरवाही से यूज कर फेंक रहे है जिससे दिन प्रतिदिन गंदगी बढ़ती जा रही है यहाँ पर प्लास्टिक का प्रयोग पुजा समान होटल सब्जी दुकान आदि जगहों पर खुले आम की जाती है बता दें कि ज्यादातर यहाँ पर गंदगी फैलाने की जिम्मेवार शादी विवाह तथा अन्य प्रकार के आयोजन करने वाले द्वारा वृह
झारखंडधाम (गिरिडीह): पवित्र नगरी झारखंडधाम में प्लास्टिक के हो रहे प्रयोग से गंदगी का अंबार लगता जा रहा है। बाबा मंदिर के आसपास संस्कृत महाविद्यालय, संस्कृत उच्च विद्यालय, बड़ा बजरंग बली मंदिर सहित कई अन्य जगहों पर सिगल यूज के बने प्लास्टिक के बने थर्माकोल प्लास्टिक गिलास तथा अन्य प्रकार की उपयोगी प्लास्टिक लोग जहां तहां बेपरवाही से यूज कर फेंक रहे हैं जिससे दिन प्रतिदिन गंदगी बढ़ती जा रही है। यहां पर प्लास्टिक का प्रयोग पूजा समान, होटल, सब्जी दुकान आदि जगहों पर खुलेआम की जाती है। बता दें कि यहां ज्यादातर गंदगी फैलाने की जिम्मेवार शादी विवाह तथा अन्य प्रकार का आयोजन करनेवाले वृहत रूप से कर रहे हैं। शादी विवाह में पहुंचनेवाले लोग भोजन कर जहां तहां ही थर्माकोल की पत्तल व ग्लास छोड़ देते हैं जिससे पूजा अर्चना करने आए भक्त बाहर निकलने के बाद नाक बंद कर आना जाना करते हैं। ऐसे में कई जगहों पर बिखरा पड़ा होने से यहां बीमारी होने की पूरी तरह संभावना बनती जा रही है। दूसरी बात यह है कि बेपरवाही से फेंके गए पत्तल को जानवर आदि खा जाते हैं। ऐसे में उन्हें भी खतरा बना हुआ है। इस दौरान सफाई को लेकर प्रबंध कार्यकारिणी सदस्य भी गंभीर नहीं दिख रहे हैं। यहां के दुकानदारों को प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने तथा इसकी जगह पत्ता के बने पतल बेचने की हिदायत बीडीओ विनोद कुमार कर्मकार तथा अनुमंडल पदाधिकारी ने दी थी लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया है। कई बार यहां जनजागरण के माध्यम से स्वच्छता अभियान चलाया गया लेकिन जरा सा असर नहीं दिखा है। यदि यहां प्लास्टिक बाहर से नहीं मंगाया जाता तो ऐसी गंदगी से बचा जा सकता था। सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग दिलीप पांडेय, पप्पू पंडा, बासुदेव पंडा सहित कई लोगों ने प्रशासन से की है।