योजनाओं पर लगा ब्रेक, काम की आस में मजदूर
गिरिडीह सदर प्रखंड अंतर्गत खावा पंचायत में मनरेगा की रफ्तार धीमी हो गई है। प्रशासनिक स्वी
गिरिडीह : सदर प्रखंड अंतर्गत खावा पंचायत में मनरेगा की रफ्तार धीमी हो गई है। प्रशासनिक स्वीकृति के अभाव में नई योजनाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं, जिससे कोरोना काल में अधिक से अधिक मजदूरों को रोजगार देने की मुहिम भी थम गई है। हालांकि पंचायत में पूर्व में स्वीकृत योजनाओं का काम चल रहा है, जिनमें दो सौ से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं, लेकिन सैकड़ों मजदूर काम की आस लगाए बैठे हैं।
इन योजनाओं का हो रहा काम :
पंचायत के विभिन्न गांवों में एक आम बागवानी, सड़क किनारे पौधरोपण पांच, टीसीबी निर्माण पांच और दो मेड़बंदी की योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं में 214 मजदूरों को नियमित रूप से काम मिल रहा है। इससे मजदूरों को कोरोना संकट में काफी राहत मिल रही है।
काम से वंचित हैं सैकडों मजदूर :
बताया गया की करीब 600 मजदूर काम की आस में बेकार बैठे हैं। योजनाओं के अभाव में मजदूरों को काम से वंचित रहना पड़ रहा है। मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से मजदूरों का रोजगार छीन रहा है।
हड़ताल का दिख रहा असर :
बता दें कि इन दिनों मनरेगा कर्मियों की हड़ताल चल रही है। हड़ताल के कारण मनरेगा की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर नई योजनाओं की स्वीकृति तक में इसका असर दिख रहा है।
पंचायत में अभी एक दर्जन से अधिक योजनाएं चल रही हैं, जिनमें दो सौ से अधिक मजदूरों को नियमित काम मिल रहा है। अधिक से अधिक मजदूरों को काम देने का प्रयास कर रहे हैं। 25 और योजनाओं का चयन किया गया है, जिन्हें स्वीकृति नहीं मिल पाई है। शायद हड़ताल के कारण इसमें विलंब हो रहा है। पंचायत में अभी और 600 मजदूरों को काम देना है।
मोहन मंडल, मुखिया, खावा।
हड़ताल का थोड़ा-बहुत प्रभाव पड़ा है, लेकिन काम प्रभावित न हो और मजदूरों को नियमित रोजगार मिलता रहे, इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए नई योजनाओं को स्वीकृति भी दी जा रही है। खावा पंचायत में भी चयनित योजनाओं को स्वीकृति दी जाएगी।
गौतम भगत, बीडीओ, गिरिडीह