अधिकार के प्रति बंदियों को करें जागरूक : सीजेएम
गिरिडीह : बंदियों को अपने कानूनी अधिकार के प्रति सजग रहने की जरूरत है। अपने अधिकार क
गिरिडीह : बंदियों को अपने कानूनी अधिकार के प्रति सजग रहने की जरूरत है। अपने अधिकार की जानकारी रखकर ही वे इसका लाभ पा सकते हैं। यह बात सीजेएम अनिल कुमार ने रविवार को जेल अदालत में कही। डालसा की ओर से सेंट्रल जेल में जेल अदालत सह जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था। सीजेएम ने कहा कि बंदी अपने मुकदमे की जानकारी निरंतर प्राप्त करें। डालसा के सचिव मनोरंजन कुमार ने कहा कि जेल आत्ममंथन करने का जगह है। बंदी अपने किए अपराध का पश्चाताप कर शुद्ध मन से जेल से बाहर निकलता है और समाज निर्माण में अपना योगदान देता है। कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जेल में सत्य के साथ मेरे अनुप्रयोग नामक किताब लिखी थी। सभी बंदियों को भी इस अवधि में रचनात्मक कार्य करना चाहिए। -14 माह से बंद चोरी के आरोपी को मिला न्याय : जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का संचालन जेल अधीक्षक मो. इस्त्राइल ने किया। कार्यक्रम में जेल के पैनल अधिवक्ता एके सिन्हा, जेलर कौलेश्वर राम पासवान, पीएलवी दिलीप कुमार, कामेश्वर कुमार, बंदी पीएलवी मोहन ¨सह और इंद्रजीत सिन्हा मौजूद थे। जेल अदालत में पीरटांड़ क्षेत्र के रहनेवाले चोरी के आरोपी बंदी पप्पू मरांडी की सजा माफ कर उसे रिहा कर दिया गया। पप्पू पिछले 14 माह से जेल में बंद था। उसके खिलाफ पालगंज के रहनेवाले ने मोबाइल चोरी करने का आरोप लगाया था। आरोपी अपने खर्च पर मुकदमा लड़ने में भी सक्षम नहीं था। न्यायालय में लंबित वाद की जानकारी होने पर सीजेएम ने संज्ञान लिया। रिकॉर्ड का अवलोकन कर सीजेएम ने आरोपी को दो धाराओं में एक एक साल की सजा सुनायी और पांच पांच सौ रुपये अर्थदंड का आदेश दिया। समयावधि एक साल से अधिक होने पर आरोपी को जेल अदालत में रिहा कर दिया गया।