दोषी पाए गए चार आरोपितों को कारावास की सजा
जागरण संवाददाता गिरिडीह: जिला जज आठ विनोद कुमार सिंह की अदालत ने सोमवार को हत्या, हत्या के
जागरण संवाददाता गिरिडीह: जिला जज आठ विनोद कुमार सिंह की अदालत ने सोमवार को हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट में दोषी पाए गए चार लोगों को सजा सुनाई। जिनमें तुरबली मिया को हत्या के आरोप में उम्रकैद, इसराफिल मिया को हत्या के प्रयास में सात साल की सजा, मथुरा प्रसाद और दुखन मिया को मारपीट के आरोप में छह माह की सजा सुनाई गई। चारों को न्यायालय ने 25 जुलाई को दोषी पाया था। इसके पूर्व सजा को लेकर चारों को सेंट्रल जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय लाया गया। सजा सुनाए जाने के बाद वापस जेल भेज दिया गया। सजा को लेकर सुबह से ही न्यायालय परिसर में दोषी और पीड़ित पक्ष के परिवार मौजूद थे। एक ओर सजा सुनाए जाने पर पीड़ित पक्ष ने न्यायालय पर आस्था जताई है तो दूसरी ओर सजा पानेवालों के परिवार में मातम छा गई।
तीर से मारकर किशुन को उतारा दिया था मौत के घाट: इस काड के सूचक बाबूजान मिया ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि 15 जनवरी 2003 को उसके गांव करमुतांड में ग्राम शिक्षा समिति के तरफ से अध्यक्ष का चुनाव होना था। सुबह साढ़े दस बजे सीआरसी शैलेश कुमार पाडेय पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित हुए। इस बीच जैसे ही किशुन ने एतवारी मिया का नाम प्रस्तावित किया तो कासिम ने विरोध करने लगा। वह बसीर मिया को अध्यक्ष बनाना चाहता था। इस दौरान सभी मारपीट पर उतारू हो गए। इस बीच इसराफिल ने फरसा से एतवारी मिया को जान मारने की नीयत से कई बार वार किया, इससे वह जख्मी हो गया। तुरबली ने तीर धनुष से किशुन मिया के दाहिने सीने में मारा जिससे वह भी गंभीर रूप से जख्मी हो गया। साथ ही अन्य लोगों ने लाठी व अन्य हथियार से मारपीट की। जख्मी किशुन को इलाज के लिए बेंगाबाद ले जाया गया जहा उसकी मौत हो गई। अन्य का इलाज भी बेंगाबाद में किया गया। अभियोजन व सूचक के तरफ से अधिवक्ता शमसुल होदा ने पैरवी की।