मासूम की हत्या में चाचा समेत तीन दोषी करार
गिरिडीह : जिला जज चार डीएन मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को एक छह वर्षीय मासूम उदय कुमार
गिरिडीह : जिला जज चार डीएन मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को एक छह वर्षीय मासूम उदय कुमार वर्मा का अपहरण करने व हत्या कर साक्ष्य छुपाने के आरोप में उसके चाचा समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया। दोषी पानेवालों में मृतक के चाचा नीतीश कुमार के अलावा उसके दो साथी उपेंद्र कुमार और विकास कुमार वर्मा शामिल है। घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बाघमारा गांव की है। 22 मई 2017 को नीतीश ने योजना बनाकर अपने साथियों के साथ घटना को अंजाम दिया था। इस कांड के सूचक सुमन कुमार वर्मा ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए कहा था कि उसकी चचेरी बहन छबेली की शादी बाघमारा के बाबूचंद के साथ हुई थी। उसके छह साल के पुत्र उदय कुमार वर्मा को राहुल कुमार वर्मा काजूबगान ले गया था। इसके बाद वहां से वापस नहीं लौटा। उसके घरवालों से नीतीश की दुश्मनी थी। वह उससे बदला लेना चाहता था। उदय का अपहरण अपने साथी उपेंद्र और विकास के साथ मिलकर उसने की। उसका अपहरण कर सिमरिया जंगल ले जाकर फिरौती की मांग की थी। फिरौती नहीं मिलने के कारण उसकी हत्या कर शव को बराकर नदी के बालू में गाड़ दिया था।
-मोबाइल ट्रे¨कग से हुआ था पर्दाफाश: इस कांड में अभियोजन की तरफ से 16 गवाहों का परीक्षण कराया गया था। इसमें मृतक के घरवाले, पुलिस व डॉक्टर शामिल थे। पुलिस की इस मामले में भूमिका सराहनीय रही थी। पुलिस अपहर्ताओं के मोबाइल का लोकेशन और कॉल रिकार्ड पर नजर बनाए हुए थी। इसी आधार पर तीनों की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस बराकर नदी के किनारे मोबाइल लोकेशन के आधार पर पहुंची थी जहां बालू से ढंके एक बच्चे का सिर और पैर दिखाई दिया था। निकालने पर देखा कि उसके सिर और मुंह से खून निकल रहा था। पुलिस अधिकारी ने न्यायालय में अपनी गवाही में सारी बातें बताई। दोषी पाए गए तीनों की सजा के ¨बदु पर सुनवाई 25 जुलाई को होगी। घटना के बाद से तीनों आरोपित जेल में बंद थे। इसके पूर्व निर्णय को लेकर कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों आरोपितों को न्यायालय लाया गया । दोषी पाए जाने के बाद वापस उन्हें जेल भेज दिया गया।
दोस्त का कर्जा उतारने भतीजे को मार डाला था
कलियुगी चाचा नीतीश कुमार वर्मा ने अपने दोस्त का कर्जा उतारने एवं सात लाख रुपये फिरौती की लालच में अपने छह साल के भतीजे उदय कुमार वर्मा की हत्या अपहरण करने के बाद कर दी थी। इसमें उसके दो दोस्त उपेंद्र कुमार वर्मा एवं विकास कुमार वर्मा भी शामिल थे। अदालत ने तीनों को आज दोषी करार दिया है।
23 मई 2017 को जेल जाने के पूर्व नीतीश ने पुलिस को बताया था कि उसका दोस्त विकास मुंबई में गाड़ी चलाता था। वहां तेल चोरी के मामले में वह पकड़ाया था। उस पर करीब 40 हजार रुपये का कर्ज था। वह इसकी चर्चा बराबर उससे करता था। नीतीश ने कहा कि उसका अपनी भाभी से विवाद हुआ था। वह भाभी से बदला लेना चाहता था। इसलिए वह अपने भतीजे का अपहरण कर सात लाख रुपये फिरौती की मांग करेगा। पांच लाख रुपये खुद रख लेगा और दो लाख रुपये से कर्जा उतारने के बाद सभी मौज-मस्ती करेंगे। इसके बाद भतीजे का अपहरण किया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी।
बाक्स : छह घंटे में खुलासा और 14 महीने में फैसला
मासूम उदय कुमार वर्मा की हत्या का खुलासा गिरिडीह पुलिस ने घटना के महज छह घंटे के अंदर कर दिया था और आज गिरिडीह अदालत ने मात्र 14 महीने में इस कांड के आरोपियों को दोषी करार दिया है। त्वरित खुलासा व अदालती सुनवाई का यह एक बड़ा उदाहरण है। गिरिडीह के तत्कालीन एसपी अखिलेश बी वारियर ने मात्र छह घंटे में शव को बरामद कर हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की पीठ थपथपाई थी।