शिक्षा व मेहनत का कोई जोड़ नहीं
प्रधान जिला जज सह डालसा के अध्यक्ष राजेश कुमार वैश्य ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे कभी बांटा नहीं जा सकता है।
गिरिडीह : झालसा के निर्देश पर शनिवार को मासिक लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय परिसर में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला जज राजेश कुमार वैश्य ने की। डालसा के सचिव मनोरंजन कुमार ने लोक अदालत के उद्देश्यों से लोगों को अवगत कराया। प्रधान जिला जज सह डालसा के अध्यक्ष राजेश कुमार वैश्य ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे कभी बांटा नहीं जा सकता है। यदि आप शिक्षित होते हैं तो कभी आपको पीछे मुड़कर देखने की आवश्यकता नहीं होती है। शिक्षा के साथ-साथ आदमी को मेहनत भी करनी चाहिए। मेहनत से कभी डरना नहीं चाहिए। लोगों का कर्म भी अच्छा होना चाहिए। तभी तो आज हमारे देश में बचपन में चाय बेचने वाले अपने कठिन परिश्रम से शिक्षा ग्रहण कर व कर्म अच्छे कर प्रधानमंत्री बन गए। कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुरेश चंद्र जायसवाल व जिला जज वन रामबाबू गुप्ता ने लोक अदालत के महत्व को बताया। जिला जज द्वितीय कुमार दिनेश ने कहा कि समाज का विकास तभी संभव है जब परिवार में खुशहाली हो। उन्होंने परिवार और समाज मे शांति के लिए कई उदाहरण पेश किए। जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद पांडेय और सचिव चुन्नूकांत ने समाज में आपसी सौहार्द और शांति बनाए रखने के लिए आपसी मतभेद भुलाकर मामले समाप्त करने की बात कही। न्यायिक दंडाधिकारी अमीकर परमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मासिक लोक अदालत में कुल चार पीठों का गठन किया। गया था जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार सिंह की पीठ से बिजली से जुड़े कुल छह मामले निष्पादित किए गए। अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ऋचा श्रीवास्तव के पीठ संख्या तीन से कुल 15 सुलहनीय आपराधिक वाद का निष्पादन किया गया। न्यायिक दंडाधिकारी रंजय कुमार की पीठ से उत्पाद वाद के कुल तीन मामलों का निष्पादन किया गया। इसमें कुल 24 मामलों का निष्पादन किया गया। साथ ही 3,68,026 रुपये के राजस्व की प्राप्ति की गई।