बढ़ेगी परीक्षा केंद्रों की संख्या, स्कूलों की हो रही तलाश
गिरिडीह मैट्रिक और इंटर परीक्षाओं के लिए अपने यहां केंद्र बनाने को ले लालायित रहनेव
गिरिडीह : मैट्रिक और इंटर परीक्षाओं के लिए अपने यहां केंद्र बनाने को ले लालायित रहनेवाले निजी स्कूलों ने इस बार हाथ खड़े कर लिए हैं। निजी स्कूलों के प्रबंधन अपने यहां केंद्र बनाने से मना कर रहे हैं। इसी के साथ विभाग की परेशानी भी बढ़ गई है। इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या भी अधिक होगी। केंद्र बनाने लायक स्कूलों की तलाश की जा रही है।
कोविड-19 को ले बढ़ेगी संख्या :
गत वर्ष मैट्रिक के लिए 66 केंद्र बनाए गए थे। इस बार इंटर के करीब 32 हजार और मैट्रिक के लगभग 45 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। इस बार स्थिति सामान्य भी नहीं है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परीक्षा आयोजित करनी है। शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए प्रत्येक बेंच में दो से अधिक परीक्षार्थियों को नहीं बैठाया जाएगा, जबकि पहले सुविधा और आवश्यकतानुसार इससे अधिक परीक्षार्थियों को बैठाया जाता रहा है। ऐसी स्थिति में परीक्षा केंद्रों की संख्या काफी बढ़ जाएगी। लगभग 130 केंद्र की आवश्यकता पड़ेगी।
निजी स्कूल नहीं हैं तैयार :
पूर्व में निजी स्कूलों में भी मैट्रिक और इंटर परीक्षा के लिए केंद्र बनाया जाता रहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस बार जैक और सीबीएसई की परीक्षाएं एक साथ होनेवाली है। लिहाजा सीबीएसई बोर्ड से संबंद्ध निजी स्कूलों के प्रबंधन अपने यहां मैट्रिक-इंटर के लिए परीक्षा केंद्र बनाने को तैयार नहीं हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी बनाए जा सकते हैं केंद्र : इस वर्ष जिला व प्रखंड मुख्यालय के अलावा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित उच्च विद्यालयों में भी मैट्रिक व इंटर परीक्षा का केंद्र बनाया जा सकता है, क्योंकि जिला व प्रखंड मुख्यालयों के स्कूलों से काम चलनेवाला नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे स्कूलों की तलाश की जा रही है, जहां परीक्षा केंद्र बनाया जा सके।
ये होगी परेशानी : ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पर्याप्त बेंच-डेस्क, कमरे सहित अन्य संसाधन नहीं हैं। सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा है। इस कारण ऐसे स्कूलों में सभी तरह की व्यवस्था दुरुस्त कर परीक्षा संपन्न कराना विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।
- कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए परीक्षा संपन्न करानी है, जिस कारण इस बार अधिक परीक्षा केंद्रों की आवश्यकता पड़ेगी। केंद्र बनाने के लिए विद्यालयों का चयन किया जा रहा है।
पुष्पा कुजूर, जिला शिक्षा पदाधिकारी।