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फर्जी बैंक अधिकारी बन साइबर अपराध करने के दस आरोपित गए जेल

फर्जी बैंक अधिकारी बनने के साथ ही पेटीएम कस्टमर केयर अधिकारी के अलावा अब लॉट्री या अन्य ऑनलाइन सस्ते दर पर सामान की डिलिवरी की लिग भेजकर लोगों को साइबर अपराध के जाल में फंसा कर चूना लगाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 08:00 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 08:00 PM (IST)
फर्जी बैंक अधिकारी बन साइबर अपराध करने के दस आरोपित गए जेल
फर्जी बैंक अधिकारी बन साइबर अपराध करने के दस आरोपित गए जेल

गिरिडीह : फर्जी बैंक अधिकारी बनने के साथ ही पेटीएम कस्टमर केयर अधिकारी के अलावा अब लाटरी या अन्य ऑनलाइन सस्ती दर पर सामान की डिलीवरी का लिक भेजकर लोगों को साइबर अपराध के जाल में फंसा कर चूना लगाया जा रहा है।

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ऐसे ही साइबर आरोपितों के गिरोह के दस सदस्यों को साइबर पुलिस ने छापेमारी कर अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बांसजोर गांव निवासी 22 वर्षीय रंजीत मंडल व 20 वर्षीय पवन कुमार मंडल, पचंबा थाना क्षेत्र के प्रतापपुर गांव निवासी 28 वर्षीय दिलीप गोस्वामी, गांडेय थाना क्षेत्र के केराडीह गांव निवासी 19 वर्षीय पिंटू मंडल, गांडेय ब्लॉक के पीछे भैरव मंडा टोला निवासी 22 वर्षीय अकलेश कुमार मंडल, अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के सिबुआडीह गांव निवासी 25 वर्षीय सद्दाम अंसारी, बांकीकला गांव निवासी 21 वर्षीय मो सफाउद्दीन अंसारी, सिंहपुर गांव निवासी 24 वर्षीय कुंदन साव उर्फ संतोष कुमार साव तथा बांकीकला गांव निवासी सगे भाई 35 वर्षीय सलाकत अंसारी व आरिफ अंसारी शामिल हैं।

आरोपितों के पास से पुलिस की टीम ने करीब दो दर्जन मोबाइल सेट, फर्जी सिम कार्ड के अलावा साइबर अपराध में उपयोग किए जानेवाले अन्य सामान बरामद किए हैं। इसकी जानकारी पुलिस लाइन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने दी।

उन्होंने बताया कि जिले के अलग-अलग जगहों पर रहकर ये सभी चेन बनाकर साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम देते हुए लोगों के खातों से राशि टपाने में लगे थे।

गुप्त सूचना मिलने के बाद साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी के नेतृत्व में टीम गठित कर छापेमारी की गई, जिसमें पुलिस की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सभी साइबर आरोपितों का संबंध एक-दूसरे के साथ रहा है और साइबर अपराध करने के लिए संगठित गिरोह के रूप में काम कर रहे थे। छापेमारी कर साइबर अपराध करते रंगेहाथ सभी को दबोचा गया। ये सभी बैंक व पेटीएम खाताधारकों को सीरियल कॉल या लिक भेजकर झांसे में लेकर खाता नंबर, एटीएम नंबर, सीवीवी पासवर्ड नंबर व पिन नंबर प्राप्त कर साइबर अपराध कर ठगी की राशि को ई-वॉलेट या फर्जी रूप से तैयार खाते में भेज आपस में बांटने का काम करते थे। सभी आरोपितों को न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया, जहां से न्यायालय के आदेश पर सभी को जेल भेज दिया गया। प्रेसवार्ता में एसपी के अलावा साइबर डीएसपी व साइबर थाना प्रभारी सहदेव महतो मौजूद थे।

आरोपितों के पास से बरामद सामान : साइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार आरोपितों के पास से पुलिस ने महंगा मोबाइल समेत फर्जी सामानों को बरामद किया है। बरामद सामानों में विभिन्न कंपनियों का 21 पीस एंड्रायड व सामान्य मोबाइल, 43 फर्जी व मोबाइल में लगे सिम, विभिन्न बैंकों का 11 एटीएम कार्ड, अलग-अलग बैंक शाखाओं की आधा दर्जन पासबुक, आधा दर्जन चेकबुक, पांच आधार कार्ड व वोटर आइ कार्ड, तीन पैन कार्ड व दो मोटरसाइकिल शामिल हैं।

साइबर अपराध में पूर्व में भी दो लोग जा चुके जेल : साइबर अपराध में जेल जाने व वहां से जमानत लेकर बाहर आने के बाद पुन: इसी अपराध से आरोपित जुड़ कर लोगों को चूना लगाने लग जाते हैं। ऐसे ही आरोपितों में दो युवक भी शामिल हैं, जो पूर्व में साइबर अपराध के मामले में जेल जा चुके हैं। गिरफ्तार अकलेश कुमार मंडल के विरुद्ध वर्ष 2016 में गांडेय थाना में साइबर अपराध से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें गिरफ्तार कर गांडेय पुलिस ने उसे जेल भेजा था। आरिफ अंसारी के विरुद्ध वर्ष 2017 में अहिल्यापुर थाना में साइबर अपराध करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसमें अहिल्यापुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज भेजा था। जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद दोनों फिर से साइबर अपराध से जुड़ लोगों को चूना लगाने में संलिप्त थे।

छापेमारी टीम में थे शामिल : साइबर आरोपितों को गिरफ्तार करने को ले साइबर डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी। टीम में डीएसपी के अलावा प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक ध्रुव कुमार, सहायक अवर निरीक्षक बासुदेव दास, सअनि राहुल कुमार सिंह समेत साइबर पुलिस के जवान भी शामिल थे।

पीसी से पहले कराया गया सैनिटाइज : साइबर अपराध में गिरफ्तार आरोपितों को सामने लाने से पहले उन्हें सैनिटाइज किया गया। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पुलिस लाइन स्थित एसपी कार्यालय कक्ष के प्रवेश द्वार पर एहतियात के तौर पर गिरफ्तार आरोपितों के हाथों को भी सैनिटाइज कराते हुए मास्क पहनने को दिया गया। इसके बाद कार्यालय कक्ष के अंदर प्रवेश दिया गया।


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