इलाज के लिए तड़पता रहा कोरोना संदिग्ध युवक
प्रखंड के अरारी पंचायत अंतर्गत एक गांव के सर्दी खांसी बुखार से ग्रस्ति कहा जाय या फिर संदिग्ध कोरोना वायरस से संक्रमित युवक बीते शनिवार देर शाम लगभग आठ बजे को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरनी में इलाज के लिए तड़पता रहा लेकिन ठीक से इलाज नही हो सका । काफी देर के बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शेख मोहम्मद ताज उद्दीन ने अस्पताल के अंदर से ही यवक को बिना हांथ लगाए देखते ही उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। कोरोना वायरस के संक्रमित संदिग्ध युवक
संवाद सहयोगी, बिरनी (गिरिडीह) : सर्दी, खांसी और बुखार से ग्रसित एक युवक अरारी पंचायत से शनिवार देर शाम इलाज के लिए बिरनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, जहां इलाज के लिए वह तड़पता रहा, लेकिन ठीक से इलाज नहीं हो सका। काफी देर के बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शेख मोहम्मद ताजउद्दीन ने अस्पताल के अंदर से ही युवक को देखते ही उसे बिना हाथ लगाए सदर अस्पताल रेफर कर दिया। युवक के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के डर से कोई एंबुलेंस उसे ले जाने को तैयार नहीं हुआ। अस्पताल से भी एंबुलेंस ने जाने से इनकार कर दिया।
बाइक से युवक को घर ले गए पिता :
बंद अस्पताल के बाहर युवक तड़पता व कहराता रहा। काफी देर के बाद युवक के पिता उसे बाइक पर बैठा कर घर ले गए। रविवार सुबह पिता उसे बाइक से सदर अस्पताल ले गए और इलाज के लिए भर्ती कराया।
हैदराबाद से घर पहुंचा है युवक
परिजनों ने बताया कि उक्त युवक गत 9 मार्च को हैदराबाद से घर पहुंचा। 2-3 दिन के बाद उसे सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार होने लगा। निजी चिकित्सक से इलाज कराया गया। अब भी निजी चिकित्सक से इलाज चल रहा था। इसी बीच अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। इसे देख 108 एंबुलेंस से उसे शाम लगभग 8 बजे बिरनी अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल बंद था। एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं थे। सूचना देने पर काफी देर बाद बंद अस्पताल के अंदर ही चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ताजउद्दीन व अशोक यादव ने उसे देखते ही नाम पता पूछ कागज बना कर सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। परिजनों ने बताया कि मरीज का इलाज करने की बात तो दूर डाक्टर ने उसे हाथ भी नहीं लगाया। अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नहीं रहने के कारण जांच व इलाज नहीं हो पाता है।
मुखिया ने कहा कि इस अस्पताल में अभी कोई जांच करने की व्यवस्था नहीं है। बाहर से आ रहे म•ादूरों की जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित मरीजों को रेफर करने पर उन्हें ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस तैयार नहीं होती है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ताजउद्दीन ने कहा कि आरोप गलत है। अस्पताल में जो संसाधन है उस तरह मरीज का इलाज होता है। जो युवक इलाज के लिए आया था उसे जांच कर दवा देकर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। युवक संदिग्ध कोरोना संक्रमित लगा, जिस कारण उसे गिरिडीह रेफर किया गया है। इस अस्पताल में मात्र दो चिकित्सक हैं। रात दिन अस्पताल में रहकर सेवा दे रहे हैं। चिकित्सक के अभाव में यहां 9 बजे रात से सुबह 9 बजे तक आपातकालीन सेवा बंद रखने का निर्देश है। उसके बाद भी सेवा दे रहे हैं।