मंदिरों, गिरिजाघरों और गुरुद्वारों में लटका ताला
पब्लिक कर्फ्यू का असर जिले भर के मंदिरोंगुरुद्वारा और गिरजाघरों में देखे गए।इन धार्मिक स्थल में सुबह सात बजे के बाद सन्नाटा देखी गई।जिले के प्रमुख शिवालय झारखंड धाम में सुबह सात बजे के बाद प्रवेश द्वार बंद किए गए।वही शहर के काली बाड़ी साई धाम बरमसियाविश्वनाथ मंदिरपंचमन्दिरपुराना जेल परिसरसंकट मोचन मंदिरनर्मदा धामबर कालीहनुमान मंदिर बड़ा चौक समेत सभी धार्मिक स्थल को सुबह सात बजे के बाद बंद कर दिया गया था।श्रद्धालु अपने आराध्य
गिरिडीह: पब्लिक कर्फ्यू का असर जिले भर के मंदिरों, गुरुद्वारा और गिरजाघरों में देखा गया। इन धार्मिक स्थलों में सुबह सात बजे के बाद सन्नाटा पसर गया। जिले के प्रमुख शिवालय झारखंड धाम में सुबह सात बजे के बाद प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया। शहर के काली बाड़ी, साई धाम बरमसिया, विश्वनाथ मंदिर, पंच मन्दिर,पुराना जेल परिसर, संकट मोचन मंदिर, नर्मदा धाम, बर काली, हनुमान मंदिर बड़ा चौक समेत सभी धार्मिक स्थलों को सुबह सात बजे के बाद बंद कर दिया गया था। श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य देवी देवता की पूजा अपने घरों से ही की। गुरुद्वारा भी रविवार को बंद रहा। कोई भी श्रद्धालु पब्लिक कर्फ्यू को लेकर घरों से बाहर नहीं निकले। सिख समुदाय के लोगों ने अपने घरों से आराधना की। रविवार के दिन सिख और क्रिश्चियन समुदाय के लिए पूजा अर्चना का विशेष दिन होता है। विश्व कल्याण और वैश्विक महामारी को रोकने के लिए धार्मिक स्थलों पर नहीं जाकर अपने घरों में ही पूजा और प्रार्थना की। गिरजाघरों में भी पब्लिक कर्फ्यू का असर देखा गया। श्रद्धालु स्वेच्छा से गिरिजाघर नही गए। अपने घरों से प्रार्थना कर इस वैश्विक वायरस से विश्व को स्वस्थ बनाने की कामना की। सभी धर्मों के लोगों ने अपने घरों से ही आराधना की। सबने इस खौफनाक वायरस से निजात दिलाने को लेकर पूजा और प्रार्थना की। इस दौरान शहर और आसपास के सभी मंदिरों, गिरिजाघरों और गुरुद्वारा में बंदी देखी गई। सड़कें और धार्मिक स्थल पर सुनसान यह बताती है कि लोगों ने स्वेच्छा से पब्लिक कर्फ्यू का समर्थन किया।