राष्ट्रीय लोक अदालत में 424 मामलों का निष्पादन
शिक्षित हुए बगैर कोई भी व्यक्ति अपना हक और अधिकार प्राप्त नहीं कर सकता है। अशिक्षित मनुष्य और पशु एक समान हैं। ये बातें प्रधान जिला जज सह डालसा के अध्यक्ष राजेश कुमार वैश्य ने कही।
गिरिडीह : शिक्षित हुए बगैर कोई भी व्यक्ति अपना हक और अधिकार प्राप्त नहीं कर सकता है। अशिक्षित मनुष्य और पशु एक समान हैं। ये बातें प्रधान जिला जज सह डालसा के अध्यक्ष राजेश कुमार वैश्य ने कही। शनिवार को नालसा के निर्देश पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था। इसमें कुल 424 मामलों का निष्पादन किया गया। साथ ही एक करोड़ तीन लाख से अधिक के राजस्व की प्राप्ति की गई। इन मामलों में सुलहनीय आपराधिक वाद के 90, बिजली के 117, मोटर दुर्घटना के 5, परिवार वाद के 6,एनआइ एक्ट के 4, बीएसएनएल के 2 व जलकर के 35 मामले शामिल हैं। वैश्य ने कहा कि पिछली राष्ट्रीय लोक अदालत में 632 मामलों का निष्पादन किया गया था। हमारा यह प्रयास है कि उससे अधिक मामले का निष्पादन करा सकें। कहा कि अवसर आपके सामने है।मामले के निष्पादन के लिए नौ बैंचों का गठन किया गया है। अलग-अलग वाद के लिए अलग-अलग बेंच शामिल हैं। सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र से जो आए हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर अपने मामले का निष्पादन कराने का प्रयास करना चाहिए व ज्यादा से ज्यादा मामलों के निष्पादन में सहयोग करना चाहिए। लोक अदालत में न कोई हारता है न कोई जीतता है। दोनों एक होकर मामले में सुलह करा हंसी खुशी अपने घर वापस चले जाते हैं । पति-पत्नी का विवाद जितना लंबा चलेगा उतनी ही परिवार में कटुता आएगी। हम सब यह लगातार प्रयास करते हैं कि जल्द से जल्द मामले को निष्पादित किया जा सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से निश्शुल्क अधिवक्ता भी इसमें दिया जाता है । प्राधिकार के संचालित फ्रंट कार्यालय में भी मामलों का निष्पादन समझौते के आधार पर किया जा रहा है। इसमें समस्याओं की जड़ शिक्षित न होना है इसलिए अपने बच्चे को शिक्षा जरूर दिलाएं।
कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुरेश चंद्र जायसवाल ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह के लिए मामले रखे गए हैं। उनका प्रयास होगा कि अधिक से अधिक मामलों में सुलह हो सके। जिला जज वन राम बाबू गुप्ता ने बताया कि इसमें बिजली, अपराध तथा अन्य प्रकार के मामले में समझौते के आधार पर सुलह कराया जाता है । -देश का रिवाज है भाईचारा:जिला जज दो कुमार दिनेश ने कहा कि हमारे देश का रिवाज भाईचारा का है। यह संदेश राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से दिया जा रहा है कि आपस में सहयोग से रहना चाहिए। यदि कोई मुकदमा हो भी गया है तो उसे समझौते के आधार पर खत्म करने का प्रयास करना चाहिए । अपर समाहर्ता अशोक कुमार साहा ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि अधिक से अधिक मामलों को इस अदालत में समाप्त कराया जा सके। बैंक पक्षकारों के साथ रियायत बरतें। भारतीय स्टेट बैंक के रिजनल मैनेजर मोहम्मद इम्तियाज अंसारी ने भी लोगों को संबोधित किया। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दुर्गा पांडेय और महासचिव चुन्नूकांत ने इसकी महत्ता को बताया। डालसा के सचिव मनोरंजन कुमार ने विषय प्रवेश कराया। कहा कि झालसा के निर्देश पर जो बंदी जेल में बंद हैं उनके घर जाकर समस्या को जानने का प्रयास किया गया और प्राधिकार के माध्यम से उसे मदद दिए जाने का प्रयास किया गया।