पहली बारिश में ही सड़क के साथ बह गया गार्डवाल
सोमवार देर रात को हुई बरसात की पहली बारिश में गार्डवाल सहित सड़क बह गई।
खोरीमहुआ : सरकारी योजनाओं में ठेकेदारों की मनमानी तथा राशि की बंदरबांट से ग्रामीणों के सपने और योजना कैसे जमींदोज हो जाते हैं, यह बरसात की पहली बारिश में ही देखने को मिल गया। मामला धनवार प्रखंड अंतर्गत धनेपुरा पंचायत का है, जहां गत वर्ष राज्य संपोषित योजना के तहत बलहारा अस्पताल से सीताराम ठाकुर के घर तक आरईओ की ओर से लगभग एक किलोमीटर सड़क निर्माण 59 लाख 28 हजार 624 रुपये की लागत से कराया गया। वर्ष 2017-18 की इस योजना को भारी अनियमितता के साथ अप्रैल 2019 में पूर्ण कर लिया गया। सोमवार देर रात को हुई बरसात की पहली बारिश में गार्डवाल सहित सड़क बह गई। इसी के साथ स्थानीय ग्रामीणों सहित राहगीरों के अच्छी सड़क पर आवागमन करने का सपना भी चूर-चूर हो गया।
क्या कहते ग्रामीण : स्थानीय ग्रामीण मदन शर्मा, नीरज कुमार राय, जनार्दन शर्मा, राहुल यादव ने बताया कि सड़क निर्माण से लेकर गार्डवाल निर्माण कार्य मे शुरुआती दौर से ही भारी अनियमितता बरती जा रही थी। इसका ग्रामीणों ने विरोध भी किया और दो दिनों तक कार्य को रुकवा दिया गया। इसपर जेई, भाजपा नेता बंसत भोक्ता तथा ठेकेदार नरेश विश्वकर्मा ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया था कि सड़क निर्माण कार्य में कोई अनियमितता नहीं बरती जाएगी। जहां भी गड़बड़ी हुई है वहां सुधार कर लिया जाएगा। पर ग्रामीणों के हटने के बाद पुन: वही पुरानी प्रक्रिया के साथ कार्य को जैसे-तैसे पूरी कर लिया गया। इसी का परिणाम है कि दो माह पूर्व बना गार्डवाल बह गया। इससे जेई और ठेकेदार की मिलीभगत की पोल खुल गई है। सड़क सहित लगभग 50 मीटर गार्डवाल को बारिश ने बहा दिया।
ग्रामीणों ने किया सड़क जाम : उक्त सड़क तथा गार्डवाल में हुई अनियमितता के खिलाफ मंगलवार को आक्रोशित स्थानीय ग्रामीणों ने सुबह करीब आठ बजे खोरीमहुआ-कोडरमा मुख्यमार्ग को जाम कर दिया। ग्रामीण उच्चाधिकारियों से सड़क निर्माण तथा गार्डवाल की जांच कर जेई अनिल झा तथा ठेकेदार नरेश विश्वकर्मा पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। बीडीओ तथा थाना प्रभारी ने उच्चाधिकारियों से इसकी जांच कराने का आश्वासन देकर करीब एक घंटा बाद जाम हटवाया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उच्च स्तरीय जांच नहीं की गई तो पुन: सड़क पर उतरेंगे। ठेकेदार सह धनेपुरा पंचायत मुखिया प्रतिनिधि नरेश विश्वकर्मा ने कहा कि पूर्व में निíमत गार्डवाल की सिर्फ मरम्मत कर दी गई थी, जिस कारण यह बह गया।