17 नक्सलियों की संपत्ति होगी जब्त
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : न्यायिक दंडाधिकारी रवि चौधरी की अदालत ने खुखरा थाना पुलिस के
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : न्यायिक दंडाधिकारी रवि चौधरी की अदालत ने खुखरा थाना पुलिस के आवेदन पर सुनवाई करते हुए आधा दर्जन इनामी समेत 17 हार्डकोर माओवादियों की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया है। जिन माओवादियों की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है उनमें 25-25 लाख रुपये के दो इनामी पतिराम मांझी उर्फ अनल दा, बीरसेन दा उर्फ चंचल एवं 15 लाख रुपये का इनामी अजय महतो तथा दस लाख का इनामी प्रशांत मांझी, नुनूचंद महतो एवं पांच लाख का इनामी साहेबराम मांझी शामिल है। नक्सली कांड में फरार चल रहे इन माओवादियों के खिलाफ यह आदेश जारी किया गया है।
इन नक्सलियों में गिरिडीह और बोकारो के भी हार्डकोर नक्सली शामिल हैं। इन नक्सलियों पर संगठन विस्तार करने को लेकर बैठक करने और हथियार व विस्फोटक देने का आरोप है। साथ ही नक्सली साहित्य के साथ नक्सली पत्र भेजकर सरकार के खिलाफ मुहिम तेज करने का भी आरोप है। घटना खुखरा थाना क्षेत्र की है। पुलिस ने गुप्त सूचना पर 21 जुलाई 2017 को छापेमारी की थी जिसमें भारी मात्रा में जिलेटिन, पाइप, बम, गोली, नक्सली साहित्य, नक्सली पत्र समेत कई सामान शामिल थे। इस मामले में अजय महतो, प्रशांत मांझी समेत कई नक्सलियों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में नक्सली अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। बीते बुधवार को पुलिस ने 17 नक्सलियों के खिलाफ न्यायालय से उसकी संपति की कुर्की जब्ती करने का आदेश मांगा। न्यायिक दंडाधिकारी रवि चौधरी की अदालत ने इन 17 नक्सलियो के खिलाफ कुर्की जब्ती का आदेश दे दिया है।
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इन नक्सलियों की
संपत्ति होगी जब्त
पुलिस न्यायालय के आदेश पर नक्सली अजय महतो, नुनूचंद महतो, संतोष महतो, पवन मांझी उर्फ लंगड़ा, चेतलाल महतो, डॉ. शिवा उर्फ शिवा मांझी, डॉ. किशोर महतो उर्फ किशोर महतो, छोटका मांझी, श्याम मांझी उर्फ श्याम मरांडी, गो¨वद मांझी उर्फ गो¨वद सोरेन, पूजरा मांझी, पतिराम मांझी उर्फ अनल दा, प्रशांत मांझी, प्रभा दी, बीरसेन दा उर्फ चंचल उर्फ रघुनाथ उर्फ निर्भय, साहेब राम मांझी और रणविजय महतो शामिल हैं।
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नक्सली साहित्य के जरिए
जनता को भड़काने का आरोप
इस मामले में पुलिस ने जो सामान जब्त किए हैं उनमें हथियारों के जखीरा के अलावा नक्सली साहित्य और नक्सली पत्र भी शामिल हैं। नक्सली साहित्य जन ज्वार में झारखंड के जेल में बंद महिला बंदियों की स्थिति के बारे में लिखा गया है। वहीं इस नक्सली साहित्य में नेपाल का भी जिक्र है जिस पर नेपाल अग्निपथ का सफर लिखा गया है। वहीं मुख्य पृष्ठ पर संसदीय पार्टियों और साम्राज्यवाद राजनीतिक बंदियों के बारे में लिखा गया है। कई नक्सली पत्र जो लिफाफे से बरामद किए गए थे उसमें क्षेत्र के युवा जो पुलिस में भर्ती हुए हैं, उन जवानों और उनके परिवार से भाकपा माओवादियों की ओर से अपील की गई थी।