मुखिया समेत 11 साइबर आरोपित को जेल
साइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार गांडेय प्रखंड़ के दासडीह पंचायत के मुखिया सह मरगोडीह गांव निवासी हरि मंडल समेत ग्यारह आरोपितों को गुरूवार को जेल भेज दिया गया। जिन आरोपितों को जेल भेजा गया उनमें मुखिया के अलावा जीजा व साला तथा दो सगे भाई व गांव का एक दामाद भी शामिल हैं।
गिरिडीह : साइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार गांडेय प्रखंड की दासडीह पंचायत के मुखिया सह मरगोडीह गांव निवासी हरि मंडल समेत ग्यारह आरोपितों को गुरुवार को जेल भेज दिया गया। जिन आरोपितों को जेल भेजा गया उनमें मुखिया के अलावा जीजा व साला तथा दो सगे भाई व गांव का एक दामाद भी शामिल हैं। महेशमुंडा निवासी मंटू मंडल व उसका जीजा जामताड़ा जिले के करमाटांड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत डुमरिया गांव निवासी सुभाष मंडल, गांडेय के मरगोडीह निवासी सगे भाई मुकेश कुमार मंडल उर्फ टिकू मंडल व पवन मंडल, मिनेश मंडल, संदीप कुमार मंडल, बिरेन्द्र मंडल, संतोष मंडल, दासडीह गांव निवासी ईश्वर साव, डुमरी थाना क्षेत्र के जीतकुंडी गांव निवासी छोटन मंडल शामिल हैं। सभी आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया जहां से न्यायालय के आदेश पर जेल भेजे जाने की कार्रवाई की गई।
पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार झा ने शुक्रवार को पुलिस लाइन स्थित सभाकक्ष में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए प्रेसवार्ता आयोजित कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध की हाल के दिनों में बढी घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर आरोपितों की गिरफ्तारी को छापेमारी की गई। इसके तहत पुलिस की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। साइबर आरोपितों को संरक्षण देने व इस अपराध को बढ़ावा देते हुए ठगी के पैसे से तीन प्रतिशत कमीशन लेनेवाले एक पंचायत प्रतिनिधि समेत ग्यारह को गिरफ्तार किया गया है, जबकि साइबर अपराध का मास्टरमाइंड रकसकुट्टो गांव निवासी गोविद मंडल पुलिस की गिरफ्त में आने से पहले ही फरार हो चुका था। फरार आरोपित गोविद का ससुराल धनबाद जिले के टुंडी में पड़ता है। गिरफ्तार आरोपित इस लॉकडाउन की अवधि में साइबर अपराध को अंजाम देने में जुटे थे।
गिरफ्तार आरोपितों में से कई का पूर्व से साइबर अपराध के अलावा अन्य अपराध की घटनाओं को अंजाम देने में संलिप्तता रही है। आरोपितों के पास से पुलिस की टीम ने अलग-अलग कंपनी की 26 एंड्रायड व सामान्य मोबाइल, कई कंपनियों की 33 सिम कार्ड, विभिन्न बैंकों का 19 एटीएम कार्ड, एसबीआई व एक्सिस बैंक समेत अन्य बैंकों के खातों से संबंधित सात पासबुक, चार पेन कार्ड, पांच वोटर कार्ड व आधार कार्ड भी जब्त किया है। इन्हीं सामानों का उपयोग कर ये साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम देने में लगे थे। इन साइबर अपराधियों का धंधा गिरफ्तार पंचायत प्रतिनिधियों के संरक्षण में फल-फूल रहा था जिसमें मुखिया को ठगी के पैसे से तीन प्रतिशत की हिस्सेदारी मिलती थी। प्रेसवार्ता में डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी के अलावा अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।
बीडीओ गोलीकांड समेत कई मामलों के आरोपित : साइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार मुखिया समेत अन्य साइबर अपराध समेत कई मामलों के पूर्व से आरोपित रहे हैं। इनमें वर्ष 2018 में हरि मंडल गांडेय के तत्कालीन बीडीओ प्रभाकर मिर्धा पर गोली कांड का आरोपित है। इस मामले में वह जेल भी जा चुका था और जमानत पर रिहा होकर जनवरी 2019 में जेल से बाहर आया था। पवन मंडल साइबर अपराध के मामले में वर्ष 2016 में गांडेय व मुफस्सिल थाने में दर्ज प्राथमिकी का आरोपित है। छोटन मंडल साइबर अपराध के मामले में गांडेय थाने में दर्ज 2017 के प्राथमिकी का आरोपित है जबकि फरार आरोपित मास्टर माइंड गोविद मंडल अहिल्यापुर थाना में वर्ष 2016 व साइबर थाना में जनवरी 2020 में दर्ज प्राथमिकी का आरोपित है।
मुखिया की गिरफ्तारी की बीडीओ को सूचना : साइबर थाना प्रभारी सहदेव महतो ने साइबर अपराध में गिरफ्तार गांडेय के दासडीह पंचायत के मुखिया हरि मंडल की गिरफ्तारी की सूचना पत्र भेजकर दी है। पत्र में कहा है कि साइबर थाने में दर्ज प्राथमिकी के नामजद आरोपित हरि मंडल को गिरफ्तार करते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। आरोपित गांडेय थाना में वर्ष 2018 में दर्ज तत्कालीन बीडीओ पर गोलीकांड के प्राथमिकी के भी आरोपित हैं। इस मामले में गांडेय पुलिस ने 12 अगस्त 2018 का गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था जहां से 18 जनवरी 2019 को जमानत पर छुटकर बाहर आए थे और साइबर अपराध में संलिप्त थे।
पैसे की कड़की ने साइबर अपराध की राह पर लाया : साइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार मुखिया हरि मंडल ने अपराध में अपनी संलिप्तता की बात पुलिस के समक्ष स्वीकार की है। उसने पुलिस को बताया कि वह वर्ष 2018 में तत्कालीन बीडीओ प्रभाकर मिर्धा को गोली मारने के आरोप में जेल गया था। वहां से जमानत पर बाहर आने के क्रम में काफी पैसे खर्च हो गए। इसके बाद पैसे की काफी कड़की हो गई। साइबर अपराध से जुड़े अपने क्षेत्र के युवक आसानी से ठगी कर काफी पैसे अर्जित कर रहे थे। तभी केस में खर्च हुई राशि की भरपाई करने को लेकर साइबर अपराध का मास्टरमाइंड व सरगना तथा मेरा ममेरा बहनोई गोविद मंडल से संपर्क किया। उसने अधिक पैसा कमाने को लेकर गांव घर के खाताधारकों का खाता नंबर व एटीएम को पैसा कमाने का प्रलोभन देकर उपलब्ध कराने व पुलिस से बचाने में संरक्षक के रूप में काम करने की सलाह दी। इसके लिए मुझे ठगी के पैसे में तीन प्रतिशत हिस्सेदारी देने की बात कहकर शामिल कर लिया। पुलिस की छापेमारी होने पर बाहर से उन्हें क्षेत्र से साइबर अपराधियों के गायब रहने की जानकारी देकर लौटा देता था। जिससे साइबर अपराध के संरक्षक के रूप में काम करते हुए पैसे वसूल करने व अलग से तीन प्रतिशत की कमाई होने लगी। इस अपराध से इस लॉकडाउन में काफी अच्छी कमाई भी हुई है। इसी बीच साइबर अपराध में साथ में गिरफ्तार हुए ईश्वर साव का एसबीआइ खाता संख्या एवं एटीएम कार्ड नंबर मास्टरमाइंड गोविन्द को उपलब्ध करा दिया जिसके बाद अच्छी कमाई होने लगी।