विलंब से शुरु हुआ ओपीडी, परेशान रहे मरीज
संवाद सहयोगी गढ़वा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में सदर अस्पताल की व्यवस्था चरमरा सी गई है।
गढ़वा : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में सदर अस्पताल की व्यवस्था चरमरा सी गई है। विलंब से ओपीडी का शुरु होना, ओपीडी अवधि के बीच में चिकित्सकों का अपने निजी क्लिनिकों में चले जाना सामान्य बात है। आएदिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। अब एक नई परंपरा भी यहां शुरु हो चुकी है। चिकित्सक ओपीडी में दिखाने के लिए लाइन में लगे मरीजों को नजरअंदाज कर अपने निजी क्लिनिकों के मरीज को भी सदर अस्पताल में बुलाकर देखने के कारनामे कर रहे हैं। इन सब बातों को जानते हुए अस्पताल प्रबंधन अनजान बना हुआ है। -विलंब से शुरु हुआ ओपीडी:
सोमवार को भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखी गई। नेत्ररोग, सर्जिकल व हड्डी रोग, शिशु रोग आदि के ओपीडी में चिकित्सक सुबह में नदारद थे। रजिस्ट्रेशन कराकर मरीज ओपीडी के बाहर चिकित्सक के आने के लिए टकटकी लगाए थे। 9:45 बजे के बाद सर्जिकल ओपीडी में डॉ नाथुन साह पहु़ंचे। इसके बाद अन्य चिकित्सकों का आना शुरु हुआ। -डेढ़ घंटे तक नदारद रहे अल्ट्रासाउंड ओपीडी के चिकित्सक
अल्ट्रासाउंड चिकित्सक डॉ जीतेंद्र कुमार दोपहर 12:15 बजे के बाद ओपीडी से गायब रहे। इस दौरान कई मरीज उनकी प्रतीक्षा करते रहे। बाद में सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ रागिनी अग्रवाल के पास यह शिकायत हुई तो उन्होंने उक्त चिकित्सक को मोबाइल फोन से संपर्क कर बुलाया। इधर डॉ जीतेंद्र कुमार का कहना था कि ओपीडी में मरीजों का अल्ट्रासाउंड करने के बाद वे पोस्टमार्टम का रिपोर्ट तैयार करने के लिए पुराने अस्पताल भवन स्थित कार्यालय में गए थे। तब कोई भी मरीज अल्ट्रासाउंड कराने के लिए वहां मौजूद नहीं था। -प्रतिदिन विलंब से शुरु होता है यक्ष्मा विभाग का ओपीडी
यक्ष्मा विभाग का ओपीडी प्रतिदिन विलंब से शुरु होता है। ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से तीन बजे तक निर्धारित है। कितु जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ जेपी सिंह प्रतिदिन करीब एक बजे के बाद ही ओपीडी में इलाज करने के लिए पहुंचते हैं। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एनके रजक का कहना है कि यक्ष्मा विभाग के ओपीडी देर से शुरु होने के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इस संबध में चिकित्सक को समय पर ओपीडी चलाने के लिए कहेंगे। -पक्ष -
सदर अस्पताल में निजी क्लिनिकों से मरीज को बुलाकर इलाज करने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। इस पर छानबीन कर कार्रवाई की जाएगी। डॉ जीतेंद्र कुमार के ओपीडी के बीच में चले जाने के मामले में उनसे कारण पूछा जाएगा।
-डॉ रागिनी अग्रवाल, उपाधीक्षक ,सदर अस्पताल, गढ़वा।