नरही में लौंगा नदी को पाटकर की धान की खेती
धरती में समाते जा रहे जल स्तर को लेकर देश ही नहीं पूरा विश्व चितित है। केंद्र व राज्य सरकार के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठन व आम लोग प्राकृतिक जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने में लगा हुआ है। वहीं नरही पंचायत के नरही गांव में
श्री बंशीधर नगर : धरती में समाते जा रहे जल स्तर को लेकर देश ही नहीं पूरा विश्व चितित है। केंद्र व राज्य सरकार के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठन व आम लोग प्राकृतिक जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने में लगा हुआ है। वहीं नरही पंचायत के नरही गांव में लोग लौंगा नदी को पाटकर धान की खेती कर रहे हैं। बताते चलें कि सरकार के द्वारा जल शक्ति अभियान चलाकर विभिन्न माध्यम से जल का संचय किया जा रहा है। ताकि आने वाले समय में हमें व हमारी अगली पीढ़ी को जल का संकट न झेलना पड़े। बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी कहें या लालच में प्राकृतिक जल स्त्रोतों को पाटकर लोग खेती करने में मशगूल हैं। नरही गांव के कसमुद्दीन अंसारी के द्वारा गांव से होकर गुजरी लौंगा नदी को पाटकर धान की खेती की गई है। नदी में धान लहलहा रहा है। पर जवाबदेह लोग आंख बंद कर कान में तेल डाल सोए हुए हैं। लोग नदी नाला में खेती करने में लगे हुए हैं। यदि नदी नाला में खेती करने वालों को नहीं रोका गया तो एक दिन नदी नाला का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। ऐसे में हमें भीषण जल संकट का सामना करना पड़ेगा। दैनिक जागरण के अभियान कितना कितना पानी से प्रभावित होकर केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा जल शक्ति अभियान चलाकर विभिन्न माध्यमों से जल का संचय किया जा रहा है। पिछले 6 माह से दैनिक जागरण के द्वारा कितना कितना पानी अभियान चलाकर लोगों को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। बावजूद लोग चेत नहीं रहे हैं। इस संबंध में पंचायत की मुखिया संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि नदी में धान की खेती की गई है। इसकी जानकारी मुझे नहीं है। अभी मैं बाहर हूं, वापस आने पर देखूंगी। मुखिया के गांव में ही नदी में धान की खेती की गई है और मुखिया को पता नहीं होना एक गंभीर मामला है। इधर कसमुद्दीन अंसारी ने कहा कि नदी खाली था इसलिए उसमें धान लगा दिया।
पक्ष
लौंगा नदी में धान की खेती की गई है, इसकी जानकारी नहीं थी। आपसे जानकारी मिली, स्थल जांच कर खेती करने वाले के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अमित कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, श्री बंशीधर नगर।