डीबीटी से मजदूरी भुगतान में बड़गढ़ फिसड्डी, रमकंडा अव्वल
-मनरेगा भगुतान में बड़गढ़ फिसड्डी, रमकंडा अव्वल
गढ़वा :
भले ही सरकार मनरेगा मजदूरों की मजदूरी भुगतान के प्रति गंभीर हो। मगर मजदूरी भुगतान का आंकड़ा लाख प्रयास के बावजूद शत-प्रतिशत नहीं हो पा रहा। आधार अपडेट व ई केवाईसी नहीं होने के कारण मजदूरों का समय पर मजदूरी भुगतान डीबीटी के माध्यम से नहीं हो पा रहा। यही कारण हैं कि विभिन्न प्रखंडों में मनरेगा योजना में काम करने वाले कुल 1 लाख 56 हजार 826 मजदूरों में से मात्र 1 लाख 28 हजार 979 मजदूरों की मजदूरी का भुगतान ही हो सका है। ई केवाईसी व आधार अपडेट नहीं होने के कारण मजदूरी पाने से 27 हजार 846 मजदूर वंचित रह जा रहें हैं। जिले में मनरेगा योजना के तहत अभी तक कराए गए कार्यों पर नजर डाले तो डीबीटी से मजदूरी भुगतान के मामले में बड़गढ़ प्रखंड सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। इस प्रखंड से डीबीटी के माध्यम से 64.7 प्रतिशत मजदूरों के मजदूरी का भुगतान किया गया है। जबकि रमकंडा प्रखंड डीबीटी से मजदूरी भुगतान में सबसे अव्वल साबित हुआ है। इस प्रखंड से 92.7 प्रतिशत मजदूरों की मजदूरी का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जा चूका है। जबकि डीबीटी से मजदूरी भुगतान के मामले में बरडीहा प्रखंड 91.3 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है। खरौंधी 90.6 प्रतिशत के साथ तीसरे नंबर पर, जबकि चिनियां प्रखंड 86.6 प्रतिशत के साथ चौथे नंबर पर, नगर उंटारी 85.6 प्रतिशत के साथ पांचवें नंबर पर, डंडा 85.4 फीसदी के साथ छठे नंबर पर, भवनाथपुर 84.7 प्रतिशत के साथ सातवें नंबर पर, रमना प्रखंड 84.2 प्रतिशत के साथ आठवें नंबर पर, भंडरिया प्रखंड 83.4 प्रतिशत डीबीटी भुगतान के साथ नौवें नंबर पर तथा धुरकी प्रखंड 82.3 प्रतिशत डीबीटी भुगतान के साथ दसवें नंबर अपना स्थान सुरक्षित किया है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि सदर प्रखंड गढ़वा सुदूरवर्ती व पिछड़े प्रखंडों से भी डीबीटी से मजदूरी भुगतान के मामले में पिछड़ा हुआ है। यह इस मामले में 80 प्रतिशत डीबीटी भुगतान के साथ 13 वें नंबर पर हैं।