Move to Jagran APP

सरकारी मदद से महरूम हैं कालीन बुनकर

केतार: गढ़वा जिले के सूदरवर्ती प्रखंड केतार के बेलाबर व नावाडीह गांव में दो दशक से लघु कालीन उद्य

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 04:20 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 04:20 PM (IST)
सरकारी मदद से महरूम हैं कालीन बुनकर
सरकारी मदद से महरूम हैं कालीन बुनकर

केतार: गढ़वा जिले के सूदरवर्ती प्रखंड केतार के बेलाबर व नावाडीह गांव में दो दशक से लघु कालीन उद्योग चल रहा है। उतर प्रदेश के भदोही के तर्ज पर यहां लगभग 30 घरों में कालीन बुनाई का काम किया जाता हैं। यहां से बनने वाला मखमली कालीन की मांग विदेशों में है। नावाडीह गांव में बड़ी संख्या में लोग इस धंधे से जुड़े हैं। इस काम में महिलाएं व बच्चे भी हाथ बंटाते हैं। तैयार कालीन भदोही उतर प्रदेश में जाता है । वहां से धुलाई तथा डिजाइन कर आईडीई सऊदी अरब, आस्ट्रेलिया के बाजार में निर्यात किया जाता है। यहां से तैयार हुई सादे कलीन तथा मखमली कालीन की कीमत 50 हजार रुपये से शुरू होती है। वहीं डि•ाइन बनाने के बाद इसकी कीमत 2 लाख तक होती है। नावाडीह के साकिर अंसरी, मोकादिम अंसरी, मोजहिद्दीन अंसारी ने बताया कि हम सभी दो दशक से इस धंधे से जुड़े हुए हैं। काम सीखने के बाद खुद से कालीन तैयार करने  लगे हैं। तैयार कालीन भदोही में बेचते हैं। कहा कि कम पूंजी होने के कारण भदोही के कंपनी हमलोगों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराती है। साकिर अंसारी ने बताया कि 11 फीट लंबा तथा 8 फीट चौड़ा कालीन को 8 लोग मिलकर तीन महीने में तैयार करते हैं। इस कालीन को तैयार करने में दस धागों का उपयोग किया जाता है। जबकि धागों को गोला बनाने में महिलाएं पुरुषों का साथ देती हैं। बुनकरों ने अपने दर्द बयां करते हुए कहा कि हमलोग को लगभग 6 से 8 हजार रुपये प्रतिमाह की बचत होती है। जबकि कालीन बुनकरों की काम मेहनत भरा होता है। स्थिति यह है कि कम आमदनी होने के कारण लोग दूसरे काम पे जोर देने लगे है। अगर सरकार हमलोगों को मदद करे तो यह रोजगार और बढ़ सकता है। सैकड़ो घरों में रोजगार बढ़ेगा। बुनकरों को मलाल है कि उद्योग विभाग द्वारा कभी इन्हें प्रोत्साहित नहीं किया। इनका कहना है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी सिद्धार्थ शंकर यादव से हमलोग मिले थे। उन्होंने सरकारी स्तर पर मिलने वाली सुविधाएं दिलाने का आश्वासन दिया था। बावजूद इसके अभी तक हम सभी सरकारी सुविधाओं से महरूम हैं।

loksabha election banner

पक्ष

इन बुनकरों की सूची तैयार कर ली गई है। उद्योग विभाग से समन्वय स्थापित कर इन्हें सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

सिद्धार्थ शंकर यादव, बीडीओ, केतार।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.