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भंडरिया के गांवों में कोयला का है भंडार, मिल सकता है रोजगार

सरकार यहां लीज पर देकर भी कोयला खदान चालू करा इस क्षेत्र के हजारों मजदूरों को रोजगार मुहैया करा सकती है

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 06:52 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:16 AM (IST)
भंडरिया के गांवों में कोयला का है भंडार, मिल सकता है रोजगार

़ गढ़वा: जिले में अच्छी क्वालिटी के कोयले का भंडरिया प्रखंड के बिदा, बिजका, हरता और तिहारो में अकूत भंडार है। बिदा-बिजका में तो नदी के तट पर आसानी से कोयला का खनन ग्रामीणों करते हैं। जानकार लोगों का कहना है कि यहां कोयले की क्वालिटी भी दूसरे जगहों से बेहतर है। ऐसे में यहां कोयला खदान खुलता है तो इस क्षेत्र के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। जरूरत है कि सरकार एवं जनप्रतिनिधियों को यहां खदान खोले जाने को ले ईमानदार के साथ सार्थक पहल करने की। क्योंकि वर्तमान में कोरोना संक्रमण को ले देशभर में लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों के समान झारखंड के गढ़वा जिला में भी हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर वापस लौट रहे हैं। समय रहते इन प्रवासी मजदूरों को यहां रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया तो इससे प्रशासनिक व्यवस्था एवं समाज में बढ़ते अपराध में असंतुलन आने का डर है। गढ़वा जिले का भंडरिया प्रखंड सुदूरवर्ती होने के साथ ही संसाधनों से परिपूर्ण प्रखंड है। इस प्रखंड में बिदा, बिजका, हरता, तिहारो समेत कई गांव ऐसे हैं जिसमें भूमिगत कोयला पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जिससे एक ओर तो सरकार को लाखों रुपए राजस्व का लाभ हो सकता है। दूसरी ओर हजारों लोगों को रोजगार देकर राज्य सरकार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ सकता है। कोविड-19 महामारी के लॉकडाउन में राज्य में आर्थिक आय घटा है, दूसरी ओर बेरोजगारी का दर तेजी से बढ़ा है। अन्य राज्यों से वापस लौटे मजदूर दुबारा अन्य राज्यों की ओर पलायन करें यह निकट भविष्य में असंभव लगता है। प्रखंड में बिदा से लेकर बिजका के बीच करीब 15 किलोमीटर की दूरी में कई गांव में भूमिगत कोयला का पर्याप्त भंडार है। जहां कोयला खदान प्रारंभ कराने को लेकर कई बार आंदोलन भी किए गए हैं। जहां खनिज संपदा होने के बावजूद लोग पलायन को विवश हैं। ऐसे में उक्त जगहों पर कोयला खदान खुले तो न केवल प्रवासी मजदूर बल्कि इस इलाके के दूसरे लोगों को भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा।

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- सरकार बिदा, बिजका, हरता तथा तिहारो में कोयला खदान को लीज पर अथवा किसी अन्य प्रकार से चालू कराती है तो क्षेत्र के हजारों लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पा सकेंगे। जिससे रोजगार बढ़ेगा और पलायन की समस्या समाप्त हो जाएगी। अभी क्षेत्र में गरीबी बढ़ी है। सेवाकार्य एवं जनवितरण के माध्यम से लोगों को राशन मिल जा रहा है, किन्तु जेब में राशि नगण्य है। क्रय शक्ति बिलकुल क्षीण हो गई है। ऐसे में सरकार के पास यह सुनहरा अवसर है कि जितनी जल्दी हो सके इस खदान को शुरू कराने की दिशा में ठोस रूप से पहल करे।

ओमप्रकाश केसरी, भंडरिया।

- गढ़वा जिले के प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ दूसरे मजदूरों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बिदा, बिजका, हरता और तिहारो में भू-गर्भ में छिपा कोयला का अकूत भंडार वरदान साबित हो सकता है। सरकार बगैर लाभ-हानि का आकलन किये इस खदान को खोलने की दिशा में सार्थक पहल करे। सरकार यहां लीज पर देकर भी कोयला खदान चालू करा इस क्षेत्र के हजारों मजदूरों को रोजगार मुहैया करा सकती है। गढ़वा का यह इलाका पलामू तथा लातेहार जिले के सीमा पर स्थित है। ऐसे में स्थानीय लोगों के साथ-साथ इन पड़ोस के जिले के मजदूरों को भी यहां रोजगार मिल सकता है।

मुकेश निरंजन सिन्हा, गढ़वा।


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