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50 हजार में बेटी को बेचा था, छह साल बाद हुई रेस्क्यू

अंजनी कुमार उपाध्याय गढ़वा जिले के सदर थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला प्रकाश में आया है। बाना मसुरिया गांव के एक पिता ने एक वर्षीया बेटी को 50 हजार रुपए में बेच डाला। करीब छह वर्षों तक यह बात छुपी रही। लेकिन पति से अनबन होने के बाद उस अभागी बच्ची की मां की ममता जागी तब यह मामला उजागर हुआ और बच्ची को रेस्क्यू किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 07:19 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:21 AM (IST)
50 हजार में बेटी को बेचा था, छह साल बाद हुई रेस्क्यू

अंजनी कुमार उपाध्याय, गढ़वा : पिता बच्चों के सुपरहीरो होते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी पिता हैं जो बच्चों के लिए विलेन से कम नहीं होते। ऐसे ही एक पिता ने छह साल पहले मात्र एक वर्ष की अपनी बेटी को 50 हजार रुपये में बेच दिया। उस समय मां ने भी पिता का साथ दिया लेकिन जब महिला का साथ छोड़ उसने दूसरी महिला का हाथ थाम लिया तो मां को बेटी की याद आई। उसने मामले की सूचना गढ़वा और पलामू पुलिस के साथ गढ़वा बाल कल्याण समिति को दी। उसके बाद सीडब्ल्यूसी की टीम ने पलामू जिले के सतबरवा थाना क्षेत्र के रेवा-धावाडीह गांव से बच्ची को चार माह पूर्व रेस्क्यू कर मेदिनीपुर दिव्यांग आवासीय विद्यालय में रखा है। यह जानकारी गुरुवार को गढ़वा सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष उपेंद्रनाथ दूबे ने जागरण के साथ साझा किया। - क्या है मामला गढ़वा के सदर थाना क्षेत्र के बाना मसुरिया गांव निवासी अनिल राम ने अपनी एक वर्षीय बेटी को पलामू जिले के सतबरवा थाना क्षेत्र के रेवा-धावाडीह गांव निवासी कंगालू राम से 19 दिसंबर 2013 को 50 हजार रुपये लेकर बेच दिया था। बच्ची छह वर्षो से कंगालू राम के घर पल रही थी। इस बीच अनिल राम व उसकी पत्नी ललिता देवी के बीच संबंधों में कड़वाहट आ गई। पति-पत्नी की राह अलग अलग हो गई। अनिल राम ने एक अन्य महिला से शादी रचा ली और ललिता अपने मायका पलामू जिला के रेहला थाना क्षेत्र के बरवाडीह गांव चली गई। अब ललिता देवी इस मामले को लेकर पलामू व गढ़वा के पुलिस अधीक्षक तथा जिला बाल कल्याण समिति, गढ़वा को मामले की जानकारी देकर कार्रवाई की मांग की। इस मामले के सामने आते ही जिला बाल कल्याण समिति ने कार्रवाई शुरू की। बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी सतबरवा के माध्यम से बच्ची को रेस्क्यू कर मेदिनीनगर पलामू स्थित दिव्यांग आवासीय विद्यालय में रखा गया है। सीडब्ल्यूसी के सामने नहीं आया है नाबालिग बच्ची को बेचने वाला बाप

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जिला बाल कल्याण समिति की सुनवाई में अब तक कंगालू राम व उसकी पत्नी, आवेदिका ललिता देवी समेत कई अन्य लोग अपनी बात रख चुके हैं। लेकिन नाबालिग बेटी को बेचने वाला अनिल राम अब तक फरार है। नोटिस दिए जाने के बावजूद अनिल राम सीडब्ल्यूसी के समक्ष नहीं आया है। इधर कंगालू राम व उसकी पत्नी ने नाबालिग बच्ची को खरीदने की बात से साफ इंकार किया है। सीडब्ल्यूसी के समक्ष उसने कहा है कि अनिल राम व ललिता देवी की सहमति से नाबालिग बच्ची को अपने साथ ले गया था।

- पक्ष -

नाबालिग बच्ची के बेचे जाने से संबंधित आवेदन उसे जन्म देनेवाली मां ललिता देवी ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष दिया था। इस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। जल्द ही इस मामले में निर्णय आएगा।

- उपेंद्रनाथ दूबे, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, गढ़वा।


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