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गंगा दशहरा पर धोबैय नदी के घाट पर पूजन

रामगढ़ गंगा दशहरा पर सोमवार को छोटी रणबहियार पंचायत के पंडुवा गांव के ग्रामीणों ने गांव के बाहर धोबैय नदी के तट पर पूजा-अर्चना की। पूजन के दौरान शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया गया। पंडित मणिचयन मिश्रा ने विधि-विधान से पूजन कराया। पंडित ने बताया कि यह पर्व ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन दान का भी अति विशेष महत्व होता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 05:42 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 05:42 PM (IST)
गंगा दशहरा पर धोबैय नदी के घाट पर पूजन
गंगा दशहरा पर धोबैय नदी के घाट पर पूजन

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : गंगा दशहरा पर सोमवार को छोटी रणबहियार पंचायत के पंडुवा गांव के ग्रामीणों ने गांव के बाहर धोबैय नदी के तट पर पूजा-अर्चना की। पूजन के दौरान शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया गया।

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पंडित मणिचयन मिश्रा ने विधि-विधान से पूजन कराया। पंडित ने बताया कि यह पर्व ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन दान का भी अति विशेष महत्व होता है। धाíमक मान्यता है कि गंगा नाम के स्मरण मात्र से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं। हिदू धर्म में इस नदी को सबसे पवित्र नदी माना गया है। इसलिए इस नदी को गंगा मां कहकर भी पुकारा जाता है। इस दिन कोई भी नदी में स्नान करने से भी बड़ा पुण्य मिलता है। वहीं नदी के किनारे तट पर पूजन कार्य कर मनुष्य सारे पापों से मुक्त होता है। इस दिन मां गंगा कर अवतरण पृथ्वी लोक पर हुआ है इसलिए इस दिन को गंगा दशहरा के तौर पर मनाया जाता हैं। पूजा के दौरान महिलाओं ने शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया।


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