कोरोना से लड़ने की दी इस चिकित्सक ने ताकत
डॉ. तुषार ने बताया कि खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। पर उस पर विजय पा ली। हमारी टीम के तीन अन्य सदस्य भी संक्रमित हुए। उन्होंने भी इस नामुराद बीमारी को हराया और फिर सेवा के काम में जुट गए।
राजीव, दुमका : दुमका के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.तुषार ज्योति। इस चिकित्ससक ने दुमका के लोगों को कोरोना से दो दो हाथ करने की ताकत दी। बाकायदा युवाओं की टीम बनाकर लोगों को कोरोना से बचने के उपाय बताए। वाट्सएप ग्रुप बनाकर आम लोगों को तमाम जानकारिया दीं। जरूरतमंदों की मदद को भी तत्पर रहे। भोजन, सैनिटाइजर व मास्क वितरण से लेकर स्वास्थ्य सेवाएं तक मुहैया कराईं। लोगों को जागरूक किया। उनकी सेवा भावना देख कई युवा भी प्रेरित होकर सेवा के इस यज्ञ में आगे आए। इस दौरान डॉ. तुषार को भी कोरोना ने चपेट में ले लिया। पर उसे भी परास्त कर वे फिर लोगों की सेवा में जुट गए। डॉ. तुषार ने बताया कि खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। पर उस पर विजय पा ली। हमारी टीम के तीन अन्य सदस्य भी संक्रमित हुए। उन्होंने भी इस नामुराद बीमारी को हराया और फिर सेवा के काम में जुट गए। हमने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया। इसमें कई प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी व एक दर्जन चिकित्सक व समाजसेवी जुड़े थे। इसके अलावा जिले में वाट्सएप पर आठ और समूह बनाए थे। उनमें आम लोगों को जोड़ा था। कहीं से भी कोई परेशानी की सूचना मिलती तो हम प्रशासनिक अधिकारी, चिकित्सकों व पुलिस को सूचना कर सहायता करते थे। इससे लोगों की समस्या का निदान हो रहा था। कोरोना को लेकर जिले की पल पल की जानकारी के साथ ही हम लोगों को उससे बचने के उपाय भी बता रहे थे। इससे लोग जागरूक होते गए। यही जागरूकता कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर हुई। जब प्रवासियों का आगमन दुमका में शुरू हुआ तो उनकी भी हमारी टीम ने मदद की। करीब तीन हजार लोगों की मदद सीधे तौर पर की गई, इनमें अनेक प्रवासी भी थे। आपातकालीन सेवाओं को लेकर भी सार्थक प्रयास किया। उन्होंने बताया कि दुमका के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार, चिकित्सक डॉ.रमेश कुमार, डॉ.बागीश, समाजसेवी अजय कुमार झा, विनोद कुमार लाल, हिमाशु मिश्रा, श्यामल किशोर, मानस शेखर, राहुल, आदित्य रावत, सचिदानंद सोरेन, अभय सिंह, भास्कर सिंह , दीपक केवट, ग्लैडसन, सौरभ संतालिया, कुणाल झा, एंबुलेंस चालक काजल समेत कई ने इस जंग में हमें सहयोग दिया। अभी इस महामारी का खतरा टला नहीं है। इसलिए जरूरी है कि दुमका के लोग अभी भी सजग रहें। प्रशासन भी आपातकालीन चिकित्सीय व्यवस्था व आधारभूत संरचनाओं को दुरुस्त करे।