बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा स्वतंत्रता सेनानी का गांव
पत्ताबाड़ी : अंग्रेजों के विरुद्ध देश की आजादी की लड़ाई लड़नेवाले सहोदर भाई लाल हेंब्रम व बरियार हेंब्रम के पैतृक गांव सरायदाहा के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं।
पत्ताबाड़ी : अंग्रेजों के विरुद्ध देश की आजादी की लड़ाई लड़नेवाले सहोदर भाई लाल हेंब्रम व बरियार हेंब्रम के पैतृक गांव सरायदाहा के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के कुशपहाड़ी पंचायत में पड़नेवाला सरायदाहा गांव बुनियादी समस्याओं की मकड़जाल में है लेकिन इसकी सुधि लेनेवाला कोई नहीं है। गांव में सबसे खराब स्थिति नीचे टोला की है। इस टोले में 40 परिवार केवल आदिवासी समुदाय के हैं। इन लोगों के लिए केवल एक चापाकल है जिसके कारण लोगों को कुआं या डोभा का दूषित पानी ही उपयोग करने की लाचारी है। गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन तो है लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि इस केंद्र में कभी कोई कर्मी नहीं आते हैं। गांव के इस टोले में कुछ ही दूरी तक पीसीसी पथ बना तो लेकिन ग्रामीणों को पूरी तरह से कीचड़युक्त पथ से निजात नहीं मिल पाई है।
ग्रामीण सुहागिनी सोरेन बताती हैं कि नया चापाकल के लिए उपायुक्त के पास फरियाद लगा चुके हैं लेकिन अभी तक नया चापाकल नहीं गाड़ा गया है। भिलेन बास्की कहते हैं कि स्वास्थ्य उपकेंद्र है लेकिन स्वास्थ्य सेवा व सुविधाएं नसीब नहीं हैं। स्वास्थ्य केंद्र का चापाकल भी खराब है।
भादो हेंब्रम कहते हैं कि ग्रामीण बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे हैं।
सिदाम बास्की ने कहा कि गांव में कम से कम दो नए चापाकल की सख्त दरकार है।