तानाशाही फैसला वापस नहीं तो होगी हड़ताल
दुमका झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ की बैठक शनिवार को विनीत कुमार झा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में दुमका वन प्रमंडल के सभी वनरक्षी और वनपाल सम्मिलित हुए।
दुमका : झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ की बैठक शनिवार को विनीत कुमार झा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में दुमका वन प्रमंडल के सभी वनरक्षी और वनपाल सम्मिलित हुए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2014 को नए सिरे से परिभाषित कर विभागीय परीक्षा को अनिवार्य किया गया, इस तानाशाही फैसले को अविलंब वापस लिया जाए। संवर्ग नियमावली 2014 के अनुसार राजभाषा परीक्षा उत्तीर्ण सभी वनक्षेत्र कर्मी को अविलंब सेवा संपुष्टि और वाíषक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। शैक्षणिक योग्यता और कार्यो की प्रकृति के आधार पर ग्रेड पे 2800 किया जाए। प्रधान वनरक्षी पद समाप्त कर वनरक्षियों की पदोन्नति सीधे वनपाल के पद पर किया जाए। बिहार व नियमावली के आलोक में वनरक्षियों के लिए सब बीट ऑफिसर अथवा वन उप परिसर पदाधिकारी के पदनाम को संबोधित किया जाए। पुलिस सेवा की भांति ही वन सेवा में कार्यरत कर्मियों को 13 माह का वेतन सुनिश्चित किया जाए। क्षेत्र भ्रमण के लिए यात्रा भत्ता एवं वर्दी भत्ता निश्चित किया जाए। नक्सल प्रभावित दुर्गम जंगलों में कार्यरत वनकर्मियों को रिक्स भत्ता दिया जाए, रिक्त पद अभिलंब बहाली निकालकर भरा जाए। सभी ने एक स्वर में कहा कि उक्त मांग पर सरकार त्वरित संज्ञान ले अन्यथा सभी अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे। बैठक में सुधेश रंजन, बासुकीनाथ चतुर्वेदी, विनीत झा, सुबल मुर्मू, रूपेश रंजन, अमिष साह, सुधांशु दर्वे, अनिल, विनय, अजित सिंह, अजित दत्त, धनंजय वर्णवाल, संदीप, दुलाल, साकेत, अरुण, अरविद, सनथ आदि उपस्थित थे।