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पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज पर सियायत तेज

दुमका : रांची में पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज के विरोध में अब सियासत भी शुरू हो गई है। शुक्रवार को पारा शिक्षकों के समर्थन में कांग्रेस, झामुमो व राजद ने सड़क पर उतरकर टीन बाजार चौक में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 06:43 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 06:43 PM (IST)
पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज पर सियायत तेज
पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज पर सियायत तेज

दुमका : रांची में पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज के विरोध में अब सियासत भी शुरू हो गई है। शुक्रवार को पारा शिक्षकों के समर्थन में कांग्रेस, झामुमो व राजद ने सड़क पर उतरकर टीन बाजार चौक में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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पुतला दहन करने के बाद झामुमो जिलाध्यक्ष सुभाष ¨सह ने कहा कि स्थापना दिवस के मौके पर जिस तरह से सरकार बर्बरतापूर्ण बेरहमी से पारा शिक्षक एवं सहिया सहायिका पर लाठी बरसाई गई, इससे साफ हो गया है कि राज्य में तालिबानी शासन चल रहा है। संविधान में प्राप्त अधिकार के तहत अपनी बातों को रखने पर इस तरह से लाठी बरसा कर लोकतंत्र का हत्या की जा रही है। सरकार द्वारा संचालित शराब दुकानों के कर्मचारियों को 25000 और पारा शिक्षकों को 9000 रुपये दिया जा रहा है। पुतला दहन करनेवालों में शिवकुमार बास्की, सुशील दुबे, अशोक चौधरी, अभिषेक चौरसिया, रमेश कुमार रजक, सिराजुद्दीन अंसारी, मनीष मयंक, बबलू मंडल, शैलेश कापरी, समीर झा, विवेक दास, कुणाल दास, पवन मोदी, अर¨वद केसरी, बिट्टू ¨सह व शंकर यादव के साथ कई कार्यकर्ता शामिल थे। इधर कांग्रेस महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष अरबी खातून के नेतृत्व में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार हर मोर्चा पर विफल रही है। शिक्षकों पर इस तरह का अत्याचार अमानवीय कृत्य है। जो शिक्षक समाज को शिक्षित करता है और लोग उसे देवतुल्य मानते हैं, उन पर लाठी चलवाना शर्मनाक है। यदि मुख्यमंत्री में जरा सी नैतिकता बची है तो इस्तीफा दे देना चाहिए। मौके पर छबि बागची, जूही खातून, मनोज अंबष्ठ, शमशाद अंसारी, विजय मरांडी, मो. अंजुम, शहरोज शेख व बसंती हेंब्रम आदि मौजूद थीं। वहीं राष्ट्रीय जनता दल जिलाअध्यक्ष अमरेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व में मुख्यमंत्री रघुवर दास का पुतला दहन किया गया। अमरेंद्र यादव ने कहा कि पारा शिक्षकों और मीडिया कर्मियों की बर्बरता पूर्ण पिटाई का विरोध लोकतांत्रिक प्रक्रिया पुतला दहन कर किया गया है। न्यायोचित मांग को मानने के बजाय रघुवर सरकार तानाशाही और दमनकारी नीति के तहत आंदोलन को कुचलना चाहती है। एक तरफ सरकार कहती है कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता होते हैं और उन्हीं शिक्षकों को वाजिब हक मांगने पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जाता है। आंदोलनकारी 350 से अधिक पारा शिक्षकों को कैंप जेल में भूखे रखा जा रहा है। इस प्रकार का अत्याचार अंग्रेजों के शासन में भी नहीं होता था।

गिरफ्तार किए गए पारा शिक्षकों को अविलंब रिहा करें नहीं तो राजद प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के नेतृत्व में राजद उग्र आंदोलन को बाध्य होगा। सरकार के अड़ियल रवैया के कारण 2019 के चुनाव में भाजपा का सफाया होना तय हो गया है। झारखंड में बीजेपी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।

निर्दोष मीडिया कर्मियों की पिटाई करा कर सरकार ने लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया है। रघुवर दास से इस्तीफे की मांग करती है। कार्यक्रम में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जितेश कुमार दास, महासचिव संजय यादव व पंकज यादव, सचिव ललित यादव व दिनेश मिश्र, जामा प्रखंड अध्यक्ष रामसुंदर पंडित, जरमुंडी प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार यादव, काठीकुंड प्रखंड अध्यक्ष जुलकर अंसारी, वीरेंद्र यादव, हराधन पंडित, भीम पंडित, प्रेम पंडित, मानिक पंडित, मुन्ना यादव, हराधन यादव, पारसनाथ यादव, धनंजय यादव, परिमल पाल, अनिल पंडित, जयप्रकाश पंजियारा सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।


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