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घर से पानी लाकर बच्चों के लिए भोजन बनाती है सेविका

दलाही आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अपने घर से पानी नहीं लाए तो बच्चों को भोजन भी नहीं मिल पाएगा। इस बात से सभी वाकिफ हैं लेकिन शासन व प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है। पानी की बात आते ही एक ही बात सुनकर चुप लगा जाते हैं कि क्या करें जलस्तर ही नीचे चला गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 06:20 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 06:20 PM (IST)
घर से पानी लाकर बच्चों के लिए भोजन बनाती है सेविका

दलाही : आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अपने घर से पानी नहीं लाए तो बच्चों को भोजन भी नहीं मिल पाएगा। इस बात से सभी वाकिफ हैं लेकिन शासन व प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है। पानी की बात आते ही एक ही बात सुनकर चुप लगा जाते हैं कि क्या करें जलस्तर ही नीचे चला गया है।

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मसलिया प्रखंड के गुमरो पंचायत अंतर्गत पंडरिया गांव स्थित आंगनबाड़ी का चापाकल दूषित पानी दे रहा है। पानी इतना दूषित निकल रहा है कि उसका रंग पीला हो गया है। अभिभावकों को ये चिता लगी रहती है कि कहीं बच्चे इस दूषित पानी से बीमार न हो जाएं। मिनी आंगनबाड़ी केंद्र में तीस बच्चों का नामांकन है। बच्चे धूदकीबोना, बड़ा डंगाल, पंडरिया टोला से हर रोज आते हैं। भोजन के लिए घर से पानी लाकर बच्चों को भोजन खिलाया जा रहा है। सेविका रूपाली चालक ने बताया कि यहां चार टोलों से मासूम बच्चे आते हैं। गंदे पानी को लेकर डीसी कार्यालय में लिखित आवेदन दे चुके है। पानी को फिल्टर करने के लिए यहां कुछ महीने पूर्व मशीन भी बैठाया गया था पर वह भी कुछ ही दिनों में खराब हो गया। सेविका कहती है कि वह घर से पानी ढोकर हर दिन सेंटर पर भोजन बनाती है। गांव का कुआं भी सूख गया है।

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