भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में बंद बेअसर
दुमका : जमीन अधिग्रहण बिल को मंजूरी मिलने से नाराज आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से सोमवार को बुलाई ग
दुमका : जमीन अधिग्रहण बिल को मंजूरी मिलने से नाराज आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से सोमवार को बुलाई गई बंदी जिले में बेअसर रही। विरोध करनेवाले सड़कों पर नहीं उतरे। मसलिया में सड़क जाम रहा। शिकारीपाड़ा में पत्थर खदानों में बंदी के नाम का असर दिखा। बिना किसी दबाव में लोगों ने खदान को बंद रखा। किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।
बंदी को देखते हुए सुबह सात बजे से पुलिस ने पूरी तरह से मोर्चा संभाल लिया था। मुख्य प्वाइंट एसपी कालेज के पास अवर निरीक्षक शशिकांत ठाकुर, ढेना किस्कू और श्रीअमड़ा चौक पर बड़ी संख्या में जवान लगा देने के कारण एक भी समर्थक सामने नहीं आया। कॉलेज को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया था। वाहनों का परिचालन आम दिन की तरह होता रहा। बस स्टैंड में बंदी का कोई असर नहीं दिखा। शहर में पोखरा, टीन बाजार, डीसी और दुधानी चौक में पुलिस के जवान लगातार गश्त रहे। क्रशर मालिकों ने खदान नहीं खोली। हालांकि कोई भी बंदी कराने के लिए वहां नहीं पहुंचा था। इसके अलावा जरमुंडी, सरैयाहाट, हंसडीहा, रामगढ़, रानीश्वर आदि प्रखंड में वाहनों का परिचालन हुआ।
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मसलिया में दो घंटे जाम रही सड़क
मसलिया : आदिवासी सेंगेल अभियान व झारखंड दिसोम पार्टी के संयुक्त तत्ववधान में हाड़ोरायडीह विद्युत सबस्टेशन के पास दो घंटे के लिए सड़क जाम किया गया। मसलिया थाना प्रभारी कुन्दन कान्त विमल ने जाम कर रहे कार्यकर्ताओं को समझा बुझाकर सड़क जाम को हटवाया। जाम का नेतृत्व कर रहे बेरियर टुडू ने कहा कि मकसद बंद कर नाम कमाना या किसी के साथ रेस करना नही है, बल्कि झारखण्ड सरकार को वापस करने के लिए मजबूर करना है। झारखंड भूमि अधिग्रहण कानून 2017 आदिवासी मूलवासी के लिए डेथ वारंट है। जाम में मानवेल हांसदा, पुलिस हेम्ब्रम, रमेश टुडू, पटल हांसदा, सिलान्दो हांसदा, सुनिल हेम्ब्रम, स्टीफन मुर्मू, होपना हेम्ब्रम, प्रधान मुर्मू, आनन्द हेम्ब्रम, सुशील हांसदा, सतिस मुर्मू, साइमन हेम्ब्रम व चतुर मुर्मू आदि थे।