गुणवत्ता से समझौता हुआ तो दीवार ने बढ़ाई बालू से दूरी
संवाद सहयोगी पत्ताबाड़ी निर्माण कार्य में गुणवत्ता से अगर समझौता होता है तो उसका असर शीघ्र दि
संवाद सहयोगी, पत्ताबाड़ी : निर्माण कार्य में गुणवत्ता से अगर समझौता होता है तो उसका असर शीघ्र दिखने लगता है। शिकारीपाड़ा प्रखंड के प्लस टू आदिवासी अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय इंदरबनी छात्रावास में भी इन दिनों ऐसा ही दिख रहा है। लगभग पौने दो करोड़ की लागत से भवन की मरम्मत तो हो गई, लेकिन गुणवत्ता से समझौता के कारण कुछ माह बाद ही भवन की दीवारों से बालू गिरने लगा है। इससे यहां रह रहे छात्रों में काफी नाराजगी है।
तकरीबन पौने दो करोड़ रुपये की लागत से विद्यालय छात्रावास की मरम्मत और छह शौचालयों का निर्माण वित्तीय वर्ष 2019-20 में भवन प्रमंडल से कराया गया था। छात्रावास भवन के बाहर के कुछ हिस्सों में केवल प्लास्टर किया गया था। शेष हिस्सों में बिना प्लास्टर किए रंगरोगन कर पैसे की निकासी ठेकेदार ने कर ली गई है।
-----------------
क्या कहते हैं विद्यार्थी
इंटर द्वितीय वर्ष के छात्र अनिल मुर्मू कहते हैं कि फरवरी-मार्च में छात्रावास की मरम्मत का काम हुआ था। छात्रावास के एक छोर को बिना प्लास्टर के ही रंगरोगन कर काम पूरा कर दिया गया है। इंटर के छात्र अनिल कुमार सिंह कहते है कि छात्रावास के बाहर रंग चटकने से दीवार का पुराना प्लास्टर दिख रहा है। मरम्मत का काम ठीक ढंग से नहीं कराया गया है। 10 वीं के संजय पुजहर ने कहा कि पुराने शौचालय का हिस्सा धंस जाने से छात्रावास का एक कमरा बंद है। राम कुमार पुजहर ने कहा कि मरम्मत का काम सही ढंग से नहीं कराए जाने के कारण अब छात्रावास का दीवार फिर से जीर्णशीर्ण हो गया है।