Move to Jagran APP

जरूरतमंद परिवारों को दी गई राहत सामग्री

बासुकीनाथ कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन की अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसान मजदूर सहित गरीब तबके के लोगों के समक्ष जीवन यापन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जरमुंडी प्रखण्ड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जिला खेल प्राधिकरण देवघर एवं गूंज संस्था दिल्ली के द्वारा शिविर आयोजित कर अम्बा व डुमरिया गांव के 50 जरूरतमंद परिवार के बीच राहत सामग्री बांटी गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 06:40 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 06:40 PM (IST)
जरूरतमंद परिवारों को दी गई राहत सामग्री
जरूरतमंद परिवारों को दी गई राहत सामग्री

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन की अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसान, मजदूर सहित गरीब तबके के लोगों के समक्ष जीवन यापन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जरमुंडी प्रखण्ड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जिला खेल प्राधिकरण देवघर एवं गूंज संस्था दिल्ली के द्वारा शिविर आयोजित कर अम्बा व डुमरिया गांव के 50 जरूरतमंद परिवार के बीच राहत सामग्री बांटी गई। राहत पैकेट में 5 किलो चावल, 5 किलो आटा ,1 लीटर सरसों तेल, 1 किलो नमक, 1 किलो दाल, बिस्कुट, चॉकलेट,साबुन सहित अन्य सामग्री थी। संस्था के रोशन पत्रलेख ने बताया कि अब तक दोनों संस्था ने मिलकर करीब 2200 परिवारों को राहत सामग्री पहुंचायी है। इस कार्य में जिला खेल प्राधिकरण के सचिव आशीष झा, धर्मेंद्र देव, उत्तम सिन्हा, देवघर पंडा धर्मरक्षिणी सभा देवघर के उपाध्यक्ष मनोज मिश्रा, कृष्णा बर्णवाल, नवीन शर्मा, अभय यादव, धर्मसेना के विभाग प्रमुख सूरज झा, रितेश केशरी, देवप्रिय, पंकज चौधरी,अमरेश ज्योति, राज कुमार, मुकेश मिश्र, रोशन पत्रलेख, गोलू गुप्ता, आयुष राज सहित अन्य मौजूद थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.