जरमुंडी को ओडीएफ घोषित करने पर उठा सवाल
बासुकीनाथ जिले के जरमुंडी प्रखंड को सरकार की ओर से भले ही ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। लेकिन धरातल पर अब भी यहां कई गांवों में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। बिना शौचालय निर्माण के प्रखंड को ओडीएफ घोषित करना जहां एक ओर प्रशासनिक उदासिनता को दर्शाता है वहीं दुसरी ओर एक बड़े अनियमितता की ओर इशारा करता है। ऐसे में सवार उठता है कि बिना शौचालय निर्माण कराए प्रखंड को सिर्फ कागज में ओडीएफ घोषित कैसे कर दिया गया। आलम यह है कि यहां के कई गांव में अभी तक शौचालय बना ही नहीं है कुछ बना भी है तो वह अधूरा है।
फोटो 01
संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ : जिले के जरमुंडी प्रखंड को सरकार की ओर से भले ही ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। लेकिन धरातल पर अब भी यहां कई गांवों में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। बिना शौचालय निर्माण के प्रखंड को ओडीएफ घोषित करना जहां एक ओर प्रशासनिक उदासिनता को दर्शाता है वहीं दुसरी ओर एक बड़े अनियमितता की ओर इशारा करता है। ऐसे में सवार उठता है कि बिना शौचालय निर्माण कराए प्रखंड को सिर्फ कागज में ओडीएफ घोषित कैसे कर दिया गया। आलम यह है कि यहां के कई गांव में अभी तक शौचालय बना ही नहीं है, कुछ बना भी है तो वह अधूरा है। शौचालय नहीं रहने के कारण आज भी लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं। इस खेल में मुखिया, जलसहिया व पंचायत सेवक की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
प्रखंड का बाघमारा गांव इसका बड़ा उदाहरण है। इस गांव में करीब 50 घर हैं। लेकिन इसमें से एक भी घर में शौचालय नहीं बना है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 500 की आबादी वाले इस गांव के लोग आज भी खुले में शौच को जाते हैं। ग्रामीण शनिचर पुजहर, रासगुल मिर्धा, ठाकुर प्रसाद राय, सुखदेव राय, जयनारायण राय, लालदेव राय, श्यामफल राय, विजय राय, इंदर राय, प्रदीप राय ने बताया कि कुछ गांव में शौचालय बन गया है वे भी चाहते हैं कि उनके यहां भी शौचालय बने। ताकि उन्हें खुले में शौच के लिए नहीं जाना पड़े। लेकिन उनकी सुनता कौन है। उनका हाल जानने कभी कोई अधिकारी गांव नहीं आता है। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में जिप सदस्य जयप्रकाश मंडल को एक आवेदन भी दिया है। उनकी मांग है कि जल्द से जल्द सभी के घर में शौचालय का निर्माण हो।
वर्जन
अब तक ग्रामीणों की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
कुंदन भगत, बीडीओ जरमुंडी