Move to Jagran APP

पुलिस के खिलाफ उग्र हुए सिदुरिया के ग्रामीण

सिंदुरिया के ग्रामीणों ने मंगलवार को पुलिस के विरोध में रामगढ़ थाना के सामने उग्र प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। इस दौरान एक घंटे तक रामगढ़-गोड्डा मार्ग पर वाहनों का परिचालन बाधित रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 06:28 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:17 AM (IST)
पुलिस के खिलाफ उग्र हुए सिदुरिया के ग्रामीण

संवाद सहयोगी, रामगढ़: सिंदुरिया के ग्रामीणों ने मंगलवार को पुलिस के विरोध में रामगढ़ थाना के सामने उग्र प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। इस दौरान एक घंटे तक रामगढ़-गोड्डा मार्ग पर वाहनों का परिचालन बाधित रहा।

loksabha election banner

अपराध कबूल करने के लिए दबाव बना रही पुलिस: रामगढ़ थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक नाबालिग आदिवासी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में पूछताछ के नाम पर पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने का आरोप ग्रामीण लगा रहे थे। उनका कहना है कि पुलिस मारपीट कर जबरन अपराध कबूल करने का दबाव बना रही है।

मंगलवार को अलसुबह बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं, पुरुष व बच्चे हाथों में तख्तियां लिए थाना पहुंचे थे। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस द्वारा प्रतिदिन घटनास्थल के आसपास के गांव सिदुरिया, मंडलचक एवं ठाड़ी से अलग-अलग युवकों को थाना लाकर पूछताछ की जा रही है। सोमवार को सिदुरिया गांव के तीन-चार युवकों को पुलिस पूछताछ के लिए थाना लाई थी। इसमें से दो नाबालिग को पूछताछ के बाद शाम में घर पहुंचा दिया गया था। घर पहुंचे दोनों नाबालिगों ने ग्रामीणों को बताया कि थाना में पुलिस द्वारा कैलाश मांझी के साथ मारपीट कर गुनाह कबूल करने का दबाव बनाया जा रहा है। इसी बात को लेकर सिदुरिया गांव के एक समुदाय के लोग उग्र हो गए। मंगलवार को सुबह छह बजे ही सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष एवं बच्चे हाथ में तख्ती लिए रामगढ़ थाना गेट के पास पहुंच कर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर निर्दोष कैलाश मांझी को फंसाने का आरोप भी लगाया।

ग्रामीणों का उग्र रूप देखते हुए थाना का गेट बंद कर दिया गया था। इसके बाद ग्रामीणों ने थाना के सामने रामगढ़-गोड्डा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। आधे घंटे के बाद ग्रामीणों ने रामगढ़ बाजार पहुंचकर यहां पर भी ट्रकों को परिचालन बाधित कर दिया। लगभग आठ बजे पुलिस ने ग्रामीणों को समझाकर जाम हटवाया। इसके बाद महिलाएं थाना गेट के सामने बैठ गई।

पुलिस ने कहा, किसी से नहीं की गई मारपीट: ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस सिदुरिया से कैलाश मांझी को उठाकर लाई है और उसके साथ मारपीट की जा रही है। स्वजनों ने कहा कि कैलाश मवेशी चराता है। वह मानसिक एवं शारीरिक रूप से दिव्यांग है। ग्रामीण कैलाश को सकुशल देखना चाह रहे थे। वहीं पुलिस द्वारा बार-बार कहा जा रहा था कि किसी के साथ भी मारपीट नहीं की जा रही है। अफवाहों पर ग्रामीण ध्यान न दें। इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी अमल जी भी रामगढ़ थाना पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने कहा कि घटना का जांच गंभीरता से की जा रही है, ताकि कोई भी निर्दोष फंसे नहीं। पुलिस द्वारा काफी समझाने के बाद ग्रामीण शांत हुए और वापस अपने घर चले गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.