कैदी की मौत, परिजनों ने बताया जेल प्रशासन की कोताही
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दुमका : धोखाधड़ी के आरोप में 10 अक्टूबर को आत्मसमर्पण करनेवाले 50 वर्षीय विचाराधीन कैदी जोन टुडू की मौत सोमवार सुबह सदर अस्पताल में बीमारी से मौत हो गई। रविवार को सीने में दर्द की शिकायत पर उसे अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया था। वह गोपीकांदर प्रखंड को कोरमो गांव का था। इधर, परिजनों का कहना है कि जोन टुडू की मौत बीमारी से नहीं जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया।
बताया गया कि करीब 18 साल पहले डीलर जोन पर धोखाधड़ी की प्राथमिकी गोपीकांदर थाना में दर्ज कराई गई थी। इधर एक माह से पुलिस उसकी तलाश तेजी से कर रही थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने दस अक्टूबर को आत्मसमर्पण कर दिया। रविवार की सुबह सीने में तेज दर्द के कारण उसे सदर अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया।
मृतक की बेटी ने बताया कि सोमवार सुबह वह पिता से मिलने के लिए जेल गई थी। लेकिन उस समय मौत की सूचना नहीं दी गई। मिलने नहीं दिया गया। बाद में गांव के एक युवक ने बताया कि पिता की अस्पताल में मौत हो गई है। उसका कहना था कि पिता को सही ढंग से खाना नहीं दिया जाता था। तबीयत खराब होने के बाद भी अस्पताल भेजने के बजाय जेल में रखा गया। जब सेहत अधिक खराब हो गई तो अस्पताल भेज दिया। मौत के लिए जेल प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेवार है। जेलर प्रशासन का कहना है कि हृदय गति रुकने से उसकी मौत हुई है। मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आएगी। इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई।