पहाड़िया परिवार को गांव खाली करने का फरमान
मसलिया : आदिवासी युवती की दुष्कर्म के बाद हत्या से नाराज आदिवासियों ने सुग्गापहाड़ी पंचायत के आमगाछी गांव और उसके समीप रहनेवाले करीब दस गांव के आदिम जनजाति समुदाय को गांव छोड़कर दूसरी जगह चले जाने का फरमान जारी किया है। फरमान से परेशान पहाड़िया समुदाय के करीब चार दर्जन लोगों ने बुधवार को प्रधान के नेतृत्व में थाना पहुंचकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।
मसलिया : आदिवासी युवती की दुष्कर्म के बाद हत्या से नाराज आदिवासियों ने सुग्गापहाड़ी पंचायत के आमगाछी गांव और उसके समीप रहनेवाले करीब दस गांव के आदिम जनजाति समुदाय को गांव छोड़कर दूसरी जगह चले जाने का फरमान जारी किया है। फरमान से परेशान पहाड़िया समुदाय के करीब चार दर्जन लोगों ने बुधवार को प्रधान के नेतृत्व में थाना पहुंचकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।
21 दिसंबर को आदिवासी गांव की एक दो युवतियां जंगल में लकड़ी चुनने गई थी। इसी क्रम में पहाड़िया समुदाय के एक युवक ने इन पर पत्थर चलाया। डर के कारण एक युवती भाग गई और दूसरे को पकड़कर युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने दूसरे दिन आरोपित को पकड़कर जेल भेज दिया। इस घटना से आदिवासी समाज में आक्रोश था। पहाड़िया को सबक सिखाने के लिए आदिवासियों ने उन्हें गांव खाली कराने का फरमान जारी किया।
आमगाछी गांव के ग्राम प्रधान निरोज पूजहर ने बताया कि मंगलवार को बेहड़ाबांक, पोखरिया, विक्रमपुर, धकड़जोड़ा, आमडंगाल, बेठियाबांक, लहरजोरिया, गोलपुर, पहाड़पुर एवं शहरपुरा गांव के आदिवासी हथियार से लैस होकर आमडंगाल गांव के ग्रामप्रधान गोमस हांसदा के नेतृत्व में आमगाछी गांव आए और ग्राम प्रधान को धमकी देकर कहा कि अगर आठ दिन में गांव खाली नहीं हुआ तो परिणाम भुगतना होगा। थाना प्रभारी कमल नाथ ¨सह ने बताया कि अभी थाना में नहीं होने के कारण पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। अगर ऐसा है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।