बाहरी रैकेट छात्रों को मुहैया कराता नशीला पदार्थ
दुमका : संत जोसेफ स्कूल में कक्षा नौ और दस में पढ़नेवाले कुछ छात्रों को अपने जूनियर के घ
दुमका : संत जोसेफ स्कूल में कक्षा नौ और दस में पढ़नेवाले कुछ छात्रों को अपने जूनियर के घर से पैसा चोरी कराने के लिए बाहर का रैकेट काम कर रहा है। उन्हीं के इशारे पर छात्र जूनियर को परेशान कर चोरी के लिए मजबूर करते थे और पैसा लेकर रैकेट के सदस्यों को पहुंचाकर नशीला पदार्थ लेते। पैसा नहीं लाने पर उनके साथ मारपीट की जाती और कोई विरोध करता तो बाहरी लड़के उनके घरों के आसपास चक्कर लगाकर डराने का प्रयास करते थे।
शुक्रवार को बच्चों की हरकत सामने आने के बाद करीब एक दर्जन से अधिक परिजन स्कूल पहुंचे और खुलकर फादर के सामने अपनी बात रखी। अभिभावक संजीव ¨सघानिया का कहना था कि सीनियर छात्र बाहर के कुछ लोगों के साथ मिलकर स्कूल में नशीला पदार्थ लाते थे। बच्चों को इलेक्ट्रानिक सिगरेट पीकर लती बनाने का प्रयास किया जाता। लत लगने के बाद जब पीड़ित छात्र फिर सिगरेट की मांग करता तो उसे चोरी करने के लिए मजबूर किया जाता। पिता राजेश चौधरी का कहना था कि अगर घर से पैसा चोरी होने का शक बेटे पर नहीं जाता तो असलियत सामने नहीं आती। शुक्रवार को बेटे से 15 हजार रुपया मंगवाया गया था। गुरुवार से स्कूटी सवार दो युवक घर के आसपास चक्कर काटते रहे। उनके बेटे ने स्कूटी की पहचान कर उनके बारे में बताया। पंकज चौधरी की माने तो उनके भतीजे को भी इसी तरह से परेशान किया जा रहा है। कई बार घर से पैसा गायब हुआ लेकिन बेटे पर शक नहीं गया। अब पता चला कि भतीजा पैसा चोरी कर किसी को देता था। इसी तरह से इंदुभूषण कुमार ने बताया कि यह खेल लंबे समय से चल रहा है। इसमें स्कूल प्रबंधन के कुछ लोग मिले हुए हैं। प्रबंधन को भी इस बात की जानकारी होगी लेकिन स्कूल की छवि खराब नहीं हो, इसलिए बात को स्कूल से बाहर आने नहीं दिया गया।
अब तक एक लाख से अधिक की चोरी
अभिभावकों की मानें तो सीनियर छात्र आए दिन पैसा मंगवाते थे। दो, तीन, पांच सौ व एक हजार रुपया तक मांगा जाता था। तीन माह से यह सब चल रहा है। अगर हिसाब लगाया जाए तो सभी पीड़ित छात्र एक लाख से अधिक रुपया चोरी कर सीनियर को दे चुके हैं।
साबुन देकर मंगवाते थे चाबी की छाप
सीनियर छात्र की मांग के बाद अगर कोई छात्र यह कहता कि उसके घर की अलमारी की चाबी नहीं मिल रही है तो उसे साबुन देकर यह कहा जाता कि वह अलमारी की चाबी की छाप साबुन पर उतार लें। उसे डुप्लीकेट चाबी दे दी जाएगी और उसी के सहारे पैसा घर से लाकर दे। अगर इसके बाद भी कोई छात्र नहीं होता तो उसे तीसरी मंजिल में परीक्षा प्रशाल में ले जाकर प्रताड़ित किया जाता।
अभिभावक अपने बच्चों पर करें गौर
यदि आपका बच्चा संत जोसेफ स्कूल में पढ़ रहा है तो सतर्क हो जाएं। उसकी हर गतिविधि पर नजर रखें। अगर वह सुस्त रहता है। सोता नहीं है या फिर बहुत सोता है। पेट में दर्द की शिकायत है। डरा-डरा रहता है और आंख लाल रहती है। घर से अक्सर पैसा गायब हो रहा है या फिर उसके दोस्तों की संख्या ज्यादा हो गई है तो सतर्क रहने की आवश्यकता है। हो सकता है कि आपके बच्चे को नशे की आदत लग गई हो। सीनियर छात्रों की वजह से उसे ये सब गंदी आदत लग गई हो। ध्यान देकर बच्चों को इस लत से निजात दिलाई जा सकती है।